‘कलात के खान’ ने यूएन से की बलूचिस्तान में जनमत संग्रह कराने की मांग

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
 ‘कलात के खान’ ने यूएन से की बलूचिस्तान में जनमत संग्रह कराने की मांग
‘कलात के खान’ ने यूएन से की बलूचिस्तान में जनमत संग्रह कराने की मांग

 

बलूचिस्तान. पाकिस्तान की कानून प्रवर्तन एजेंसियों पर हजारों बलूच लोगों को जबरन गायब करने का आरोप लगाते हुए, बलूचिस्तान प्रांत के कलात के खान ने पाकिस्तान के कब्जे को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की मदद की मांग की है.

‘कलात के खान’ के पूर्व शासकों ब्रहुई भाषी की उपाधि है. कलात राज्य अब बलूचिस्तान प्रांत का हिस्सा है.

पाकिस्तानी मामलों के लेखक तारेक फतह ने ट्विटर पर कहा कि कलात के खान मीर अहमद खान अहमदजई ने संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकारों से पाकिस्तान अधिकृत बलूचिस्तान में एक जनमत संग्रह कराने के लिए कहा है, ताकि उन्हें अनुमति दी जा सके.

फतह ने एक आधिकारिक दस्तावेज का हवाला देते हुए ट्वीट किया, ‘ब्रेकिंगः बलूचिस्तान में कलात के खान ने पाकिस्तान के कब्जे को समाप्त करने के लिए संयुक्त राष्ट्र की मदद की मांग की. कलात के महामहिम खान, मीर अहमद खान अहमदजई ने यूएन ह्यूमन राइट कमीषन को पाकिस्तान के कब्जे वाले बलूचिस्तान में एक जनमत संग्रह कराने के लिए कहा है, ताकि उन्हें और बलूच लोगों को पाकिस्तान से आजादी मिल सके.’

विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संगठनों के अनुसार, पाकिस्तान की खुफिया एजेंसियां और कानून प्रवर्तन एजेंसियां हजारों बलूच लोगों को जबरन गायब करने में शामिल हैं.

पिछले साल, बलूच राजनीतिक कार्यकर्ताओं ने जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 46वें सत्र के दौरान राज्य सुरक्षा एजेंसियों द्वारा पाकिस्तान के संसाधन संपन्न बलूचिस्तान में मानवाधिकारों के उल्लंघन का मुद्दा उठाया था.

बलूच पीपुल्स कांग्रेस के महासचिव वाजा सिद्दीकी आजाद ने कहा, ‘लापता व्यक्तियों के अवसादग्रस्त मामले दशकों से चल रहे हैं. पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (एचआरसीपी) ने वर्षों से बलूचिस्तान में जबरन गायब होने के मामलों को संभालने के लिए पाकिस्तान राज्य की निंदा की है.’

संयुक्त राष्ट्र के एक कार्यकारी समूह ने जबरन गायब होने के खिलाफ सिफारिशें कीं, लेकिन पाकिस्तानी सरकार अपनी संवैधानिक और अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारियों पर खरी नहीं उतरी.