जो बाइडेन बोले-तालिबान की बातों पर विश्वास नहीं, हम देखेंगे

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 01-09-2021
जो बाइडेन
जो बाइडेन

 

आवाज द वाॅयस / वाॅशिंगटन
 
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि ‘‘अमेरिका का सबसे लंबा युद्ध खत्म हो गया है.‘‘अफगानिस्तान से अमेरिकी सैनिकों की वापसी के 20 साल बाद राष्ट्र के नाम अपने पहले संबोधन में, जो बिडेन ने कहा, ‘‘हमने अफगानिस्तान से सैनिकों और नागरिकों को वापस लेने के खतरनाक मिशन को पूरा किया है.‘‘
 
उन्होंने कहा कि 31 अगस्त की समयसीमा निकासी प्रक्रिया को सुरक्षित करना उनका उद्देश्य था. निकासी प्रक्रिया 17 दिनों तक 24 घंटे चलती रही.उन्होंने कहा, ‘‘मैं असहमत हूं कि निकासी प्रक्रिया पहले पूरी की जानी चाहिए थी.‘‘ 
 
अफगानिस्तान से हटने के फैसले का बचाव करते हुए उन्होंने कहाः ‘‘यह संयुक्त राज्य अमेरिका के सर्वोत्तम हित में है. यह युद्ध बहुत पहले खत्म हो जाना चाहिए था.‘‘राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि ‘‘संयुक्त राज्य अमेरिका ने अफगानिस्तान में अल कायदा की कमर तोड़ दी है.हमने ओसामा बिन लादेन को मार डाला, जिसने 11 सितंबर, 2001 कोे संयुक्त राज्य अमेरिका पर आक्रमण किया.‘‘
 
उन्होंने कहा,‘‘मैं अपने हर फैसले की जिम्मेदारी लेता हूं.‘‘  20 वर्षों में अफगानिस्तान में प्रतिदिन 300 मिलियन खर्च किए गए हैं.सब कुछ बदल गया है. अफगानिस्तान से वापसी नागरिक और सैन्य नेतृत्व का सर्वसम्मत निर्णय था.
 
उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप का जिक्र करते हुए कहा, ‘तालिबान के साथ पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति के समझौते के बाद स्थिति बदल गई. उन्होंने कहा, ‘‘निकासी प्रक्रिया के दौरान आईएसआईएस खुरासान हमले में 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत का कोई विकल्प नहीं है.‘‘
 
उन्होंने काबुल हवाईअड्डे पर हमला करने वाले आतंकवादी समूह आईएसआईएस खुरासान को आगे अमेरिकी हमलों के लिए तैयार रहने की चेतावनी दी.उन्होंने कहा, ‘‘हम अफगानिस्तान और अन्य देशों में आतंकवाद से लड़ना जारी रखेंगे.‘‘ कहा, ‘‘नब्बे प्रतिशत अमेरिकियों को अफगानिस्तान से निकाल लिया गया है.‘‘
 
हमारा मानना ​​है कि 100 से 200 अमेरिकी अब भी अफगानिस्तान नहीं छोड़ना चाहते हैं.दुनिया बदल रही है. हम रूस और चीन से नई चुनौतियों का सामना कर रहे हैं.‘‘ रूस और चीन चाहते हैं कि अमेरिका अफगानिस्तान में उलझा रहे.
 
उन्होंने कहा, ‘‘हमने काबुल हवाईअड्डे की सुरक्षा के लिए 6,000 सैनिकों को भेजा था. हमें नहीं पता था कि अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी देश छोड़कर भाग जाएंगे.उन्होंने कहा, ‘‘हमने 20 वर्षों में 300,000 अफगान सैनिकों को प्रशिक्षित किया है.हम अपनी गलतियों से सीखेंगे और लक्ष्य निर्धारित करेंगे जिन्हें हासिल किया जा सकता है.‘‘