आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
इजरायली जेट विमानों ने दूसरे दिन गाजा पट्टी पर बमबारी की, जिसमें 6 फिलिस्तीनी बच्चों सहित कम से कम 24 लोग मारे गए. फिलिस्तीनी क्षेत्रों पर शासन करने वाले समूह हमास ने कहा कि जबालिया शरणार्थी शिविर के पास हुए विस्फोट में मारे गए लोगों में बच्चे भी शामिल हैं. इसके लिए इस्राइल को जिम्मेदार ठहराया.
हालांकि, इजरायली सेना ने जिम्मेदारी लेने से इनकार करते हुए कहा कि विस्फोट फिलिस्तीनी सशस्त्र समूह इस्लामिक जिहाद द्वारा दागे गए एक असफल रॉकेट के कारण हुआ है. गाजा में स्वास्थ्य मंत्रालय का कहना है कि दो दिनों की लड़ाई के दौरान कम से कम 203 लोग घायल हुए हैं.
एक साल से अधिक समय से लगातार जारी संघर्षों ने गाजा के आसपास शांति भंग कर दी है. हमलों की शुरुआत शुक्रवार को इस्राइल द्वारा एक वरिष्ठ इस्लामिक जिहाद कमांडर की लक्षित हत्या के साथ हुई. तब से इजरायली मिसाइलों ने घरों, अपार्टमेंट इमारतों को नष्ट कर दिया है और एक शरणार्थी शिविर को निशाना बनाया है. सेना ने चेतावनी दी है कि इस्लामिक जिहाद के खिलाफ उसका अभियान एक हफ्ते तक चल सकता है.
इजरायली हमलों में मारे गए लोगों में 73 वर्षीय उम्म वालिद भी शामिल थे, जो अपने बेटे की शादी की तैयारी कर रहे थे. वह बेत हानुन शरणार्थी शिविर में एक कार हमले में मारे गए. फिलिस्तीनी लड़ाकों ने इजरायल पर 400 से अधिक रॉकेट दागकर इजरायल के हमलों का जवाब दिया, लेकिन उनमें से ज्यादातर अक्षम थे.
इजराइली एम्बुलेंस सेवा के अनुसार, अभी तक गंभीर हताहत होने की कोई खबर नहीं है. संकीर्ण तटीय गाजा पट्टी में लगभग 2.3 मिलियन फिलिस्तीनी संघर्ष की स्थिति में रहते हैं. इजराइल और मिस्र ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए लोगों और सामानों की आवाजाही पर सख्त प्रतिबंध लगा दिया है और नौसैनिक नाकाबंदी लगा दी है.
इजराइल ने शुक्रवार को अपना आक्रामक अभियान शुरू करने से कुछ समय पहले ही गाजा में ईंधन के हस्तांतरण को रोक दिया, इस क्षेत्र के एकमात्र बिजली संयंत्र को नष्ट कर दिया. लगभग चार घंटे बिजली काट दी, जिससे स्वास्थ्य अधिकारियों ने चेतावनी दी. यह घोषणा की गई कि कुछ दिनों में अस्पताल गंभीर रूप से प्रभावित होंगे.