इराक के सबसे प्रभावशाली शिया मौलवी अयातुल्ला सैय्यद मोहम्मद सईद अल-हकीम सुपुर्दे खाक

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 04-09-2021
 मौलवी अयातुल्ला सैय्यद मोहम्मद सईद अल-हकीम सुपुर्दे खाक
मौलवी अयातुल्ला सैय्यद मोहम्मद सईद अल-हकीम सुपुर्दे खाक

 

आवाज द वाॅयस / बगदाद

इराक के वरिष्ठ और प्रभावशाली मुस्लिम शिया मौलवियों में से एक, ग्रैंड अयातुल्ला सैय्यद मोहम्मद सईद अल-हकीम को सुपुर्देखाक कर दिया गया.दिल का दौरा पड़ने से शुक्रवार को उनका निधन हो गया था. उनके परिवार ने यह जानकारी दी. वह 85 वर्ष के थे.

एक रिश्तेदार, मोहसेन अल-हकीम ने द एसोसिएटेड प्रेस को बताया कि अल-हकीम की दक्षिणी पवित्र शहर नजफ के अल हयात अस्पताल में मृत्यु हो गई. उन्हें अचानक दिल का दौरा पड़ने के बाद उन्हें अस्पताल ले जाया गया था. उनके कार्यालय ने घोषणा की कि अचानक चिकित्सा स्थिति नहीं मिलने से मृत्यु हो गई.

अल-हकीम शिया इस्लाम में सर्वोच्च धार्मिक उपाधि रखता है. अयातुल्ला अल-उजमा, जिसका अर्थ है- भव्य या सर्वोच्च अयातुल्ला. उन्हें इराक के शीर्ष शिया धर्मगुरु अयातुल्ला अली अल-सिस्तानी के उत्तराधिकारी के शीर्ष दावेदार के रूप में देखा जाता था.

नजफ में जन्मे मौलवी शिया विद्वानों के जाने-माने और बेहद सम्मानित हकीम परिवार के सदस्य हैं. उनके नाना मोहसिन अल-तबाताबाई अल-हकीम, एक विद्वान और शिया इस्लाम के सबसे प्रमुख विचारकों में से एक थे. उनके पिता मुहम्मद अली अल-हकीम, जो नजफ में सबसे सम्मानित मौलवियों में शुमार किए जाते थे.

उनके दूसरे चचेरे भाई, सैय्यद अम्मार अल-हकीम, अल-हिक्मा, या राष्ट्रीय बुद्धि आंदोलन का नेतृत्व कर रहे हैं. यह इराक में बड़े शिया राजनीतिक दलों में से एक है. अफगानिस्तान में जन्मे मोहम्मद इशाक अल-फयाद के साथ, अल-हकीम को इराक के शीर्ष शिया आध्यात्मिक नेता अल-सिस्तानी के उत्तराधिकारी के संभावित दावेदार के रूप में देखा जाता है.

इराक के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य राजनेताओं ने अल-हकीम के बारे में बयान जारी कर अफसोस जताया है.  अमेरिका में बगदाद के दूतावास ने ट्वीट कर उन्हें पूरे क्षेत्र में शांति, प्रेम और सद्भाव का प्रतीक बताते हुए अपनी संवेदनाएं व्यक्त की हैं.

मोहम्मद सईद अल-हकीम को शुरू से ही शिक्षा से अवगत था. उन्होंने न्यायशास्त्र और धर्मशास्त्र का गहन अध्ययन किया था. उनके शिक्षकों में कुछ प्रमुख मौलवी थे, जिनकी मदद से उन्होंने शिक्षण का रुख किया और नजफ के प्रमुख शिया विद्वानों में से एक बन गए.

पवित्र शहर के अधिकांश शिया धार्मिक नेताओं की तरह, इराक पर अमेरिकी आक्रमण से पहले, इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन के शासन के अंतिम दिनों में उन्हें नजरबंदी झेलनी पड़ी थी. वह उन तीन शीर्ष शिया नेताओं में शामिल थे, जिन्हें 2003में सद्दाम को सत्ता से हटाने के तुरंत बाद एक प्रतिद्वंद्वी शिया धर्मगुरु ने जान से मारने की धमकी दी थी.

2003 में उन्हें निशाना बनाने की कोशिश की गई. तब नजफ में उनके घर पर बमबारी की गई थी. इस हमले में अल-हकीम के तीन अंगरक्षक मारे गए थे और परिवार के कई सदस्य घायल हो गए थे. अल-हकीम को भी चोटें आई थीं.

अल-हकीम उन चार महान अयातुल्लाओं में से एक हंै जो नजफ के धार्मिक मदरसा हौजा में पढ़ाते रहे हैं. उन्होंने कई किताबें लिखी हैं, जिनमें से कुछ का कई भाषाओं में अनुवाद किया गया है. अल-हकीम के परिवार में पत्नी और आठ बच्चे हैं. शनिवार को नजफ में उन्हें दफना दिया गया.