नई दिल्ली. कतर की उप विदेश मंत्री लोलवाह राशिद अल-खतर ने कहा कि उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अफगानिस्तान में तालिबान को मान्यता देने में जल्दबाजी नहीं करे.
खामा प्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अल-खतर ने फॉरेन पॉलिसी के साथ अपने साक्षात्कार में अपने अंतर्राष्ट्रीय भागीदारों से तालिबान को पहचानने में जल्दबाजी न करने के लिए कहा है, लेकिन साथ ही उन्होंने दुनिया से उनके साथ जुड़ना जारी रखने के लिए भी कहा है.
उन्होंने कहा कि तालिबान के साथ जुड़ाव का मतलब उनकी सरकार को मंजूरी देना नहीं है, बल्कि तालिबान के साथ जुड़कर दुनिया बड़े लक्ष्य हासिल कर सकती है.
अब 50दिन से अधिक समय हो गया है, जब तालिबान ने अफगानिस्तान पर नियंत्रण कर लिया था, लेकिन अभी तक किसी भी देश द्वारा इसे मान्यता नहीं दी गई है, क्योंकि दुनिया की अपनी शर्तें हैं जो अफगानिस्तान में लागू नहीं की गई हैं.
उप विदेश मंत्री ने तालिबान के बीच संघर्ष की पुष्टि की है और कहा है कि तालिबान के बुजुर्ग सदस्यों और छोटे लोगों के व्यवहार में अंतर है.
अल-खतर ने कहा, “तालिबान कतर, मलेशिया और इंडोनेशिया से सीख सकते हैं, जिनके पास इस्लामी कानून हैं और महिलाएं उनकी सरकारों में काम कर रही हैं और शिक्षा प्राप्त कर रही हैं.”
उन्होंने तालिबान की कार्यवाहक सरकार पर चिंता व्यक्त की, जो समावेशी नहीं है और कहा कि यह घोषणा कतर की अपेक्षाओं को पूरा नहीं करती है.