आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
पाकिस्तान आर्मी पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने कहा है कि भारतीय सेना प्रमुख का यह दावा कि नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम समझौता हुआ था, वह बल पर आधारित था. सही नहीं है. डीजी आईएसपीआर की ओर से शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा गया कि एलओसी के दोनों ओर रहने वाले कश्मीरियों की सुरक्षा के लिए संघर्ष विराम पर सहमति बनी है.
पाकिस्तानी मीडिया के अनुसार, आईएसपीआर केबयान में आगे कहा गया है कि किसी भी पक्ष को संघर्ष विराम को अपनी ताकत या दूसरे की कमजोरी नहीं समझना चाहिए.नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम की खबर 27 फरवरी, 2021 को सामने आई थी. उसके बाद भी दोनों देश एक-दूसरे पर संघर्ष विराम के उल्लंघन का आरोप लगाते रहे हैं, जबकि एलओसी पर झड़पें होती रही हैं.
एएनआई समाचार एजेंसी के अनुसार, भारतीय सेना प्रमुख ने गुरुवार को कहा था कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष विराम अभी भी जारी है, क्योंकि भारत ने सत्ता की स्थिति पर बातचीत की है.भारतीय थल सेना प्रमुख जनरल नरवणे ने कहा था कि उत्तरी सीमा पर होने वाले घटनाक्रमों की ठीक से पहचान कर ली गई है. इसके लिए आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं, जिसमें जमीन पर सबसे अच्छी आधुनिक तकनीकी सहायता भी शामिल होगी.
याद रहे कि नियंत्रण रेखा पर पहला युद्धविराम समझौता पाकिस्तान और भारत के बीच 2003 में हुआ था, जब मीर जफरुल्लाह जमाली प्रधानमंत्री थे और परवेज मुशर्रफ राष्ट्रपति थे. समझौता चार साल तक चला और 2007 में फिर फायरिंग शुरू हो गई.
2018 में दोनों देशों ने एक बार फिर सीजफायर पर चर्चा की, वहीं फरवरी 2021 में दोनों देशों ने सीजफायर समझौते की घोषणा की.गुरुवार को भारतीय सेना प्रमुख उसी संघर्ष विराम समझौते का जिक्र कर रहे थे.