नई दिल्ली. भारतीय विदेश मंत्रालय ने इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र के दोहुक के जाखो जिले में हाल ही में हुई हत्याओं की कड़ी निंदा की. मंत्रालय के मुताबिक देश की संप्रभुता का स्पष्ट उल्लंघन है और अंतरराष्ट्रीय मानवीय कानून की घोर अवहेलना है. इराक के कुर्दिस्तान क्षेत्र में एक पार्क में तोपखाने के गोले से नौ नागरिकों के मारे जाने के बाद इराक और तुर्की के बीच एक राजनयिक विवाद छिड़ गया है. मरने वालों में ज्यादातर इराकी पर्यटक थे और मरने वालों में बच्चे भी शामिल थे. कम से कम 23 लोग घायल हो गए. स्थानीय अधिकारियों ने तुर्की बलों को दोषी ठहराया और इराक अंकारा से अपने प्रभार डी'एफेयर को वापस बुला रहा है.
भारत ने नृशंस हमले में अपने प्रियजनों को खोने वाले परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की. कुर्द स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पीड़ितों में एक साल का बच्चा भी शामिल है. इराक ने बगदाद में तुर्की के राजदूत को माफी मांगने के साथ-साथ तुर्की की राजधानी से अपने प्रभार डी'एफेयर को वापस लेने के लिए बुलाया है.
इराकी प्रधानमंत्री मुस्तफा अल-कदीमी ने ट्वीट किया, तुर्की बलों ने इराक की संप्रभुता का घोर उल्लंघन किया है. इराकी शहर कर्बला में एक तुर्की वीजा केंद्र के बाहर प्रदर्शनकारियों द्वारा तुर्की का झंडा जलाया गया, जबकि बगदाद और नसीरिया में भी प्रदर्शन हुए.
तुर्की कुर्द लड़ाकों के खिलाफ अपने आवधिक हमलों में से एक को बढ़ा रहा है, जिनके पास इस क्षेत्र में ठिकाने हैं. उत्तरी इराक में इसका नवीनतम आक्रमण लगभग तीन महीने पहले शुरू हुआ और इसका उद्देश्य पीकेके को निशाना बनाना है.