इमरान खान की अग्नि परीक्षाः आज संसद में सरकार के खिलाफ विश्वास प्रस्ताव पर बहस, पीटीआई प्रमुख का पवेलियन लौटना तय

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] • 1 Years ago
इमरान खान की अग्नि परीक्षाः आज संसद में सरकार के खिलाफ विश्वास प्रस्ताव पर बहस, पीटीआई प्रमुख का पवेलियन लौटना तय
इमरान खान की अग्नि परीक्षाः आज संसद में सरकार के खिलाफ विश्वास प्रस्ताव पर बहस, पीटीआई प्रमुख का पवेलियन लौटना तय

 

मलिक असगर हाशमी, नई दिल्ली इस्लामाबाद
 
एक दिन पहले विपक्षी दलों ने प्रेस कान्फ्रेंस कर जैसी एकजुटता दिखाई, उससे इमरान खान सरकार का जाना तय माना जा रहा है. विपक्षी दलों की मीटिंग में सत्तारूढ़ दल के 25 नेशनल एसेंबली के मेंबर भी मौजूद थे. यही नहीं इमरान सरकार में सत्ता की भागीदार एमक्यूएम ने भी अलहदगी अख्तिायर कर ली है.

आज यानी 31 मार्च से संसद में विपक्ष द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बहस शुरू हो रही है. उम्मीद की जा रही है कि सोमवार को इसपर वोटिंग होगी. चूंकि इमरान खान को सत्ता मंे बने रहने के लिए जादुई 172 सदस्यों का समर्थन प्राप्त होना चाहिए, जो फिल्हाल असंभव सा दिख रहा है.
 
विपक्ष के पाले में 177 से अधिक सदस्य मौजूद हैं और यह कई बार अपना शक्ति प्रदर्शन कर चुके हैं. इस्लमाबाद के सिंध भवन में भी ऐसा ही एक प्रदर्शन विपक्ष की ओर से किया गया है.हालांकि इस बीच प्रधानमंत्री इमरान खान कुर्सी बचाने के लिए तमाम सियासी तौर तरीके अपना रहे हैं.
 
रविवार को इस्लामाबाद में एक विशाल जनसभा आयोजित कर उन्हांेने मंच से विपक्षी दलों में फूट डालने की कोशिश की. जनता का दबाव बनाने के लिए विपक्षी दलों पर विदेशी पैसे के बूते सरकार गिराने के आरोप लगाने के साथ उन्हें देशद्रोही कहा.
 
इमरान यहीं नहीं रूके. उन्हांेने फजलुर रहमान और मियां नवाज शरीफ के खिलाफ बिलावल भुट्टो को भड़काने के लिए उनके नाना जुल्फिकार अली भुट्टो की हत्या का शाजिसकर्ता भी बताया. बावजूद इसके अब तक इमरान की कोई भी चाल विपक्ष में फूट डालने में कामयाब नहीं रही है.
 
अब प्रधानमंत्री इमरान खान कह रहे हैं कि उन्हंे और उनके लोगों को धमकी भरे पत्र भेजे जा रहे हैं. कहा जा रहा है कि तमाम विपक्षी नेताओं को भ्रष्टाचार से मुक्त होने का सरकार यदि सर्टिफीकेट दे दे तो इमरान कुर्सी पर बने रहेंगे. इमरान ने कहा है कि धमकी भरा पत्र भेजने वाले देश का नाम लिया जाए तो नतीजे अच्छे नहीं होंगे. पत्र में कहा गया है कि यदि अविश्वास प्रस्ताव विफल हुआ तो पाकिस्तान को गंभीर परिणाम भुगतने होंगे. 
 
बुधवार को इस्लामाबाद में प्रधानमंत्री आवास में वरिष्ठ पत्रकारों से बात करते हुए, इमरान खान ने ‘धमकी‘ पत्र की सामग्री के बारे में बताया, पर पत्र नहीं दिखाया. मगर वहां मौजूद असद उमर के पास वह कथित पत्र था, जिसके बारे में इमरान ने जानकारी दी थी.
 
इस मौके पर प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा कि ‘‘पत्र एक गुप्त दस्तावेज है इसलिए आप लोगों के साथ केवल अर्थ साझा किया गया है.‘‘उन्होंने कहा,‘‘इसकी सामग्री का खुलासा नहीं किया जा सकता है, न ही हम उस देश का नाम बता सकते हैं जिसका संदेश हमें उच्च अधिकारियों द्वारा एक पत्र में दिया गया है.‘‘
 
प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का नाम होता तो नतीजे अच्छे नहीं होते. आधिकारिक बैठक के दौरान पत्र का संदेश प्राप्त हुआ. संदेश की भाषा बहुत मजबूत है और कई बार अविश्वास प्रस्ताव का जिक्र किया जा चुका है.
उन्होंने कहा, ‘मैं किसी देश के खिलाफ नहीं हूं. ऑफिशियल सीक्रेट्स एक्ट की वजह से कई बातों का खुलासा नहीं किया जा सकता है. हालांकि इसे संसद में पेश किया जाएगा. 
 
प्रधानमंत्री ने संवाददाताओं से कहा कि पत्र सैन्य नेतृत्व के साथ साझा किया गया है. इससे पहले दिन में गुप्त पत्र के मुद्दे पर संघीय कैबिनेट की बैठक में सदस्यों को विश्वास में लिया गया.सूत्रों के मुताबिक, संघीय कैबिनेट को बताया गया कि अमेरिका में पाकिस्तान के पूर्व राजदूत असद मजीद ने विदेश कार्यालय को एक गुप्त पत्र भेजा है. असद मजीद ने दक्षिण एशिया के लिए अमेरिकी उप विदेश मंत्री के साथ बैठक के बाद पत्र भेजा.
 
सूत्रों के मुताबिक, प्रधानमंत्री इमरान खान ने कैबिनेट सदस्यों को पत्र के ब्योरे से अवगत कराया. पत्र की सामग्री को कैबिनेट के साथ साझा किया गया और आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के तहत पत्र को सील कर दिया गया.
 
‘‘यह पत्र आठ से दस पृष्ठों का बताया गया है.बैठक में मौजूद पाकिस्तानी टीवी चैनल ‘अब तक‘ की एंकर पर्सन फरीहा इदरीस ने कहा कि ‘आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम के कारण प्रधानमंत्री ने बैठक के दौरान धमकी भरा पत्र नहीं दिखाया, लेकिन उन्होंने कहा कि यह एक खतरा. यह वास्तव में दिया गया है और वह कोई कहानी नहीं बना रहे हैं.‘
 
फरीहा ने कहा कि ‘‘यह पत्र कैबिनेट सदस्यों को दिखाया गया है और इसमें आठ से दस पृष्ठ हैं.‘‘एंकरपर्सन ने पुष्टि की कि दस्तावेज वास्तव में एक केबल है और इसे नियमित रूप से भेजा जाता है. उन्होंने कहा,‘‘हमें देश का नाम नहीं बताया गया, लेकिन दस्तावेज में पाकिस्तानी अधिकारियों के दूसरे देश के अधिकारियों के साथ बैठक और बातचीत का उल्लेख है.‘‘
 
संघीय कैबिनेट की बैठक के बाद, संघीय आंतरिक मंत्री शेख राशिद अहमद ने संवाददाताओं से कहा कि प्रधानमंत्री ने धमकी भरे पत्र की सामग्री को कैबिनेट के सामने रखा है. ‘प्रधानमंत्री ने कहा कि उनके खिलाफ एक वैश्विक साजिश रची गई. पत्र में कहा गया है कि यदि अविश्वास प्रस्ताव विफल हुआ, तो पाकिस्तान को नुकसान होगा. मैंने हर मुश्किल परिस्थिति का डटकर सामना किया है.
 
शेख राशिद ने कहा कि प्रधानमंत्री ने दावा किया कि सरकार को गिराने के लिए बड़ी रकम दी गई. पत्र ने राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसियों के प्रमुखों को भी विश्वास में लिया. कैबिनेट ने प्रधानमंत्री पर पूरा भरोसा जताया.
 
उन्होंने कहा, ‘‘इस बारे में संसद को जानकारी दी जाएगी और अभी यह तय नहीं किया गया है कि ब्रीफिंग प्रधानमंत्री द्वारा दी जाएगी या विदेश मंत्री संसद को विश्वास में लेंगे.‘‘ ‘गौरतलब है कि 27 मार्च को इस्लामाबाद के परेड ग्राउंड में एक रैली को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री इमरान खान ने विपक्ष पर बाहर से पैसे लेकर सरकार को उखाड़ फेंकने की कोशिश करने का आरोप लगाया था.‘‘ कहा था, हमें लिखित में धमकी दी गई है और प्रयास किए जा रहे हैं. बाहर से सरकार बदलने के लिए.‘‘
 
प्रधानमंत्री इमरान खान ने कहा, ‘‘मैं शायद ही कभी लिखित भाषण देता हूं लेकिन ऐसा इसलिए है कि मैं भावुक नहीं होना चाहता और कुछ ऐसा कहना चाहता हूं जो हमारी विदेश नीति को प्रभावित करे.‘‘
उन्होंने कहा कि हमारे देश को हमारे पुराने नेता की हरकतों से धमकियां मिल रही हैं, हमारे देश के अंदर हमारे लोगों की मदद से सरकारें बदली गई हैं.
 
उन्होंने कहा कि शाह महमूद को इस साजिश की जानकारी थी और हम पिछले कुछ महीनों से इस साजिश से अवगत हैं. ये सब आज इकट्ठे हुए हैं. हम भी उनके बारे में जानते हैं लेकिन आज जुल्फिकार अली भुट्टो का समय नहीं है, समय बदल गया है.
 
यह नया समय आ गया है .यह सोशल मीडिया का जमाना है. कुछ भी नहीं छिपा है, पाकिस्तानी राष्ट्र जाग रहा है. हम किसी की गुलामी नहीं मानेंगे, हम सब से दोस्ती करेंगे, हम गुलाम नहीं होंगे. इमरान से कल सेना और आईएसआई प्रमुख से भी इसी विषय पर मुलाकात हुई.