‘ काबुल नहीं छोड़ता तो गली-गली हिंसा शुरू हो जाती ‘

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 09-09-2021
 पूर्ण राष्ट्रपति अशरफ गनी
पूर्ण राष्ट्रपति अशरफ गनी

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

 काबुल नहीं छोड़ता तोगलियों में हिंसा शुरू हो जाती. 1990 जैसा गृहयुद्ध छिड़ जाता. सुरक्षा के मद्देनजर मुझे देश छोड़ने की सलाह दी गईथी. मैं और मेरा परिवार देश छोड़ते समय बेहद दुखी थे.

यह कहना है अफगानिस्तानके पूर्ण राष्ट्रपति अशरफ गनी का. उन्होंने अचानक देश छोड़न पर सफाई देने के लिएपांच पैरा का एक लंबा-चैड़ा बयान जारी किया है. इस बयान में उन्होंने न केवलअफगानिस्तान के प्रति अपने लगावे का जिक्र किया, साथ ही अचानक देश छोड़न के कारण भी स्पष्ट किए.

 गनी 15 अगस्त को अचानक उस समय काबुल से निकल भागे थे,जब तालिबान ने कब्जा कर लिया था. राष्ट्रपतिभवन में घुस गए थे. गनी पर मिलियन डॉलर लेकर भागने का भी आरोप है. अपने लंबे, चैड़े बयान में गनी ने सफाई देते हुए तमामआरोपों का खंडन किया.

साथ ही आरोप भी मढ़े कि यह सब उनकी छवि को खराब करने के लिएजान-बूझकर उड़ाया गया. उन्होंने कहा कि वह और उनका परिवार काबुल और अफगानिस्तान की 6 मीलियन आबादी की सुरक्षा की खातिर देश छोड़नेको मजबूर हुआ.

नहीं तो गलियों में खूंरेजी शुरू हो जाती. 1990 जैसे गृहयुद्ध के हालात पैदा हो जाते. अशरफ गनी ने अपने बयानमें कहा कि वह पिछले दो दशकों से अफगानिस्तान में शांति और लोकतंत्र बहाली के लिएकाम कर रहे थे.

2004 के संविधान केअनुरूप इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ अफगानिस्तान के लिए काम किया है. बंदूक पर भरोसा नकर शांति बहाली को अपनाया. उन्होंने भ्रष्टाचार कोलेकर उनपर लगे आरोपों पर अपनी सफाई देते हुए कहा कि उन्होंने अपनी संपत्ति कीघोषणा पहले ही सार्वजनिक कर रखी है.

लेबनान में उनकी पत्नी का एक पैतृक मकान है.इसके बावजूद यूएन चाहे तो किसी इंडिपेंडेंट बोर्ड से संपत्तियों की जांच करा सकताहै. उन्होंने अपने बयान में कहा कि वह जल्द ही अपने भविष्य की योजना का खुलासा करेंगे.अशरफ गनी ने अपना यह लंबा चैड़ा बयान अपने ट्विटर हैंडल पर भी जारी किया है.