पाकिस्तान के हिंदू जनसंख्या वाले सिंध प्रांत में बारिश का कहर, 347 लोगों की मौत

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 28-08-2022
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बारिश का भारी कहर, 347 लोगों की मौत
पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बारिश का भारी कहर, 347 लोगों की मौत

 

मलिक असगर हाशमी/नई दिल्ली

हिंदू जनसंख्या वाले पाकिस्तान के सिंध प्रांत में बारिश ने कहर बरपा  रखा है.सिंध में बारिश के कारण हुए विभिन्न हादसों में अब तक 347 लोगों की जान जा चुकी है. प्रांतीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (पीडीएमए) ने इस बारे में एक रिपोर्ट जारी की है.

मरने वालों में 137 बच्चे, 136 पुरुष और 52 महिलाएं हैं. सिंध प्रांत में सबसे ज्यादा 47 मौतें खैरपुर में हुईं. इस इलाके में हिंदुओं की संख्या खासी है.नौशहर फिरोज 33, लरकाना में 28 मौतें, सिंध में 8 मौतें और पिछले 24 घंटों के दौरान लरकाना में 4 मौतें हुईं.
 
सिंध में अब तक 14 हजार 927, खैरपुर में 7 हजार 842, शहीद बेनजीराबाद में 1 हजार 992, उमरकोट में 1 हजार 135 मवेशियों की मौत हो चुकी है.पिछले 24 घंटे के दौरान सूबे में 1,450 मवेशियों की मौत हुई है.
 
सिंध प्रांत में कुल 2 लाख 35 हजार 949 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए जबकि 5 लाख 71 हजार 699 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.24 घंटे में 44 हजार 919 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए, 1 लाख 76 हजार 619 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.
 
पीडीएमए की रिपोर्ट के अनुसार, खैरपुर में 34 हजार 166 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए हैं और 84 हजार 248 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं.मीरपुरखास में 23 हजार 587 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए और 82 हजार 295 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.
 
शहीद बेनजीराबाद में 65 हजार 184 घर पूरी तरह से नष्ट हो गए, 68 हजार 801 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए.कुमेश्वर में 820 घर पूरी तरह नष्ट, 82 हजार 273 आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं.सूबे में 28 लाख 59 हजार 459 एकड़ कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा. सबसे ज्यादा खैरपुर में 3 लाख 56 हजार 582 एकड़ कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा.
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रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि घोटकी में 3 लाख 46 हजार 863 एकड़ कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है जबकि संघर में 3 लाख 10 हजार एकड़ कृषि भूमि को नुकसान पहुंचा है. इन दोनों ही जिलों में हिंदुओं की तादाद सबसे ज्यादा है और बाढ़ के कारण इनपर बुरा सर्वाधिक बुरा प्रभाव पड़ा है.
 
 982 की मौत, पीड़ितों के लिए सरकारी भवन खोलने का फैसला

पड़ोसी पाकिस्तान में बाढ़ ने हाहाकार मचा रखा है. भयंकर स्थिति को देखते हुए आपातकाल घोषित कर दिया गया है और प्रधानमंत्री मियां शहबाज शरीफ बाढ़ की बढ़ती तबाही के चलते विदेश दौरा रदद कर दिया है.24 घंटे में बाढ़ और बारिश से पाकिस्तान में 45 और लोगों की मौत हो गई. इसके बाद कुल मौतों का आंकड़ा 982 पहुंच गया है. सिंध में सबसे ज्यादा 339 मौतें हुई हैं.
 
एनडीएमए का कहना है कि पिछले 24 घंटों के दौरान बलूचिस्तान में 234, केपी में 19, बाढ़ और बारिश से 19, केपी में 10, सिंध में 33 और पंजाब में 2 लोगों की मौत हुई है.एनडीएमए द्वारा जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों के दौरान बाढ़ और बारिश के कारण 113 लोग घायल हुए, जबकि पिछले 24 घंटों के दौरान अन्य 8 हजार 588 जानवरों की मौत हुई, जबकि कुल 8 लाख 2 हजार 583 जानवरों की मौत हुई.
 
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एनडीएमए ने कहा कि पिछले 24 घंटों में 4 और पुल क्षतिग्रस्त हो गए, जबकि हाल ही में हुई बारिश और बाढ़ के कारण 149 पुल क्षतिग्रस्त हो चुके हैं.पिछले 24 घंटों के दौरान अन्य 11 हजार 811 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, जबकि हाल ही में हुई बारिश और बाढ़ के कारण कुल 6 लाख 82 हजार 139 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं.
 
एनडीएमए के मुताबिक, देशभर में बाढ़ से 1456 लोग घायल हुए हैं, देशभर में बारिश के दौरान 82,000 से ज्यादा जानवरों की मौत हुई है, जबकि कुल 149 पुलों और 682,000 से ज्यादा घरों को नुकसान पहुंचा है.प्रांतीय मंत्री कामरान बंगश का कहना है कि पख्तूनख्वा के मुख्यमंत्री महमूद खान ने पीड़ितों के लिए सूबे के सरकारी भवनों को खोलने के आदेश जारी किए हैं.
 
उन्होंने कहा कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में महाविद्यालयों, पुस्तकालयों सहित सभी उच्च शिक्षा कार्यालय पीड़ितों के लिए खोल दिए गए हैं.बलूचिस्तान के हरनाई क्षेत्र के जरद आलो इलाके में बाढ़ बाधा में फंसा एक व्यक्ति बह गया.सूत्रों का कहना है कि बाढ़ बाधा में फंसा व्यक्ति 18 घंटे तक मदद की गुहार लगाता रहा.
 
स्थानीय सूत्रों का कहना है कि बाढ़ रिले में बह गए व्यक्ति की तलाश जारी है.प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के निर्देश पर बाढ़ प्रभावित इलाकों में मुफ्त मोबाइल कॉल की सुविधा मुहैया कराई गई.प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान दूरसंचार प्राधिकरण के अध्यक्ष को बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जीरो बैलेंस फ्री कॉल सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया था.यह पहल सार्वजनिक बचाव और राहत प्रयासों को बेहतर बनाने के लिए की गई है.
 
मुंडा हेडवर्क्स चारसड्डा में पानी का बहाव 260,000 से घटकर 135,000 हो गया है.डीसी चारसड्डा के मुताबिक बीती रात मुंडा का हेडवर्क बाढ़ रिले के कारण टूट गया था.आसपास के इलाकों में घरों को खाली करा लिया गया है. बाढ़ के कारण चारसड्डा में 17 राहत शिविर बनाए गए हैं.
 
शबारा, फकीराबाद, आगरा, गुलाबाबाद और कटुजई सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र हैं, काल्पनिक पुल पर काबुल नदी में जल स्तर अभी भी ऊंचा है. बारिश का भारी कहर, 347 लोगों की मौत