इंडोनेशिया में भारी तबाही, भूकंप से 900 घर और इमारतें जमींदोज

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 15-01-2022
इंडोनेशिया में भारी तबाही, भूकंप से 900 घर और इमारतें जमींदोज
इंडोनेशिया में भारी तबाही, भूकंप से 900 घर और इमारतें जमींदोज

 

जकार्ता. इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता और उसके आसपास के प्रांतों में आए 6.6 तीव्रता के भूकंप के कारण 900 से अधिक घर और इमारतें नष्ट हो गईं और दो लोग घायल हो गए. आपदा एजेंसी के अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. मौसम विज्ञान, जलवायु विज्ञान और भूभौतिकी एजेंसी के अनुसार, भूकंप शुक्रवार की शाम 4.05 बजे आया था. पांडेगलांग जिले के सुमुर उप-जिले से 52 किमी दक्षिण-पश्चिम में भूकंप का केंद्र था.


समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने अधिकारियों के हवाले से बताया कि सबसे ज्यादा नुकसान बैंटन प्रांत के पांडेगलांग जिले में हुआ है, इसके बाद प्रांत के लेबक और सेरांग जिले और पश्चिम जावा प्रांत के बोगोर और सुकाबुमी जिले अधिक प्रभावित हुए हैं.

 

जकार्ता में झटके महसूस होने के बाद दहशत फैल गई और लोग ऊंची इमारतों, मॉल और घरों से बाहर निकल आए, लेकिन किसी के हताहत होने की खबर नहीं है.

 

अधिकारियों के अनुसार, सभी प्रभावित शहरों में 922 घर और इमारतें नष्ट हो गईं.

 

प्रांतीय आपदा प्रबंधन और शमन एजेंसी की संचालन इकाई के प्रमुख नाना सूर्याना ने कहा कि पांडेगलांग जिले में 745 घर और स्वास्थ्य क्लीनिक, स्कूल और पूजा स्थल जैसे 35 भवन क्षतिग्रस्त हो गए.

 

अधिकारी ने कहा कि केवल दो निवासियों को मामूली चोटें आईं हैं और नुकसान इसलिए कम हुआ, क्योंकि वे संभावित आपदाओं के लिए पूरी तरह से तैयार थे.

 

सूर्याना ने कहा, हमने भूकंप और अन्य आपदाओं पर एहतियाती उपायों के बारे में लोगों के लिए अभ्यास, अनौपचारिक शिक्षा और सलाह का आयोजन किया है. यह कदम पिछले साल सितंबर से किए गए हैं. वे अब उपयोगी हैं, क्योंकि हमारे केवल दो निवासियों को मामूली चोटें आईं हैं.

 

उन्होंने कहा कि आपदा के कारण लोगों को निकाला गया है, लेकिन ज्यादातर लोगों ने, खासकर जिनके घर गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त हो गए थे, उन्होंने अपने रिश्तेदारों के घरों में शरण ली है.

 

सूयार्ना ने कहा कि भूकंप प्रभावित सभी क्षेत्रों में पहुंच स्थापित की गई है और नुकसान का आकलन अभी भी चल रहा है.

 

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन और शमन एजेंसी ने सलाह दी है कि भूकंप प्रभावित क्षेत्रों में लोग एहतियाती कदम उठाएं, क्योंकि एक बड़े भूकंप के बाद भी झटके महसूस किए जाते हैं, जिसे आफ्टरशॉक कहा जाता है.