जल्दबाजी में हुए शांति समझौते से तालिबान को मिली युद्ध की वैधता: गनी

Story by  एटीवी | Published by  [email protected] | Date 03-08-2021
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी

 

आवाज द वाॅयस / काबुल

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने आज अपने देश पर थोपी गई ‘आयातित और जल्दबाजी‘ में शांति प्रक्रिया की आलोचना की. संसद के संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए, 2020में 5,000तालिबान कैदियों की रिहाई के संदर्भ में कहा कि अफगानों ने शांति प्रयासों के लिए बड़ी कीमत चुकाई है, लेकिन फिर युद्ध का सामना करना पड़ रहा है.

गनी ने कहा कि शांति समझौता एक विद्रोही समूह को वैध बनाने में सफल हुआ है.हेरात शहर के साथ आसपास के इंजिल जिले में भी संघर्ष जारी है. प्रांतीय गवर्नर अब्दुल काने ने शहर की सुरक्षा पर भरोसा जताया.

कहा कि एएनडीएसएफ के हवाई हमलों में तालिबान को भारी नुकसान हुआ है. पूर्व मुजाहिदीन नेता इस्माइल खान, जो एएनडीएसएफ का समर्थन कर रहे मिलिशिया बलों का नेतृत्व कर रहे हैं, ने हेरात निवासियों से तालिबान के खिलाफ खुद को लामबंद करने और ‘अज्ञानता की ताकतों‘ से बचाने का आह्वान किया.

लश्कर गाह और कंधार शहरों में भी झड़पें जारी रहीं. लश्कर गाह के पास एक अमेरिकी हवाई हमले (2अगस्त) ने सात तालिबान आतंकवादियों को मार गिराया. इस बीच रक्षा मंत्रालय ने (2अगस्त) कहा कि पिछले 24घंटों में 455तालिबान आतंकवादी मारे गए और 232घायल हुए. तालिबान ने दावे को खारिज कर दिया. इस बीच, परवान प्रांत की राजधानी, चरिकर शहर के पास तालिबान के हमले (2अगस्त) में, चार एएनडीएसएफ कर्मी मारे गए.

राष्ट्रपति अशरफ गनी ने संसद के एक संयुक्त सत्र को संबोधित करते हुए (2अगस्त) 2020में 5,000तालिबान कैदियों की रिहाई के एक स्पष्ट संदर्भ में कहा कि अफगानों ने शांति प्रयासों के लिए एक उच्च कीमत चुकाई थी लेकिन फिर युद्ध का सामना करना पड़ रहा है. गनी ने ‘आयातित और जल्दबाजी‘ में शांति प्रक्रिया की आलोचना की.

काबुल में अमेरिका और ब्रिटेन के दूतावासों ने अलग-अलग ट्वीट में तालिबान पर कंधार प्रांत के स्पिन बोल्डक जिले के संगठन के हालिया अधिग्रहण के दौरान नागरिकों का नरसंहार करने का आरोप लगाया.

इन अपराधों के लिए जिम्मेदार तालिबान आतंकवादियों और कमांडरों को जवाबदेह ठहराया, और उस पर प्रकाश डाला. कहा कि यदि तालिबान अभी अपने लड़ाकों को नियंत्रित नहीं कर सकता, तो बाद में स्थिति खराब होगी.

अलग से, न्याय मंत्री फजल अहमद मनावी ने तालिबान पर यातना और फांसी सहित युद्ध अपराधों का आरोप लगाया. मनावी ने तालिबान के मानवता के खिलाफ अपराधों का राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ‘मूल्यांकन‘ करने का आह्वान किया.

अफगानिस्तान के लिए यूरोपीय संघ के विशेष दूत टॉमस निकलासन ने दोहराया कि तालिबान के सैन्य अधिग्रहण से शासन के लिए अंतरराष्ट्रीय अलगाव होगा. शांति प्रक्रिया में तालिबान के शब्दों और कार्यों के बीच व्यापक अंतर का हवाला देते हुए, निकलासन ने रेखांकित किया कि उन्होंने संगठन के रवैये में कोई ‘मौलिक परिवर्तन‘ नहीं देखा.