महरम के बगैर हजः पहली बार पाकिस्तानी महिला को मिला यह सम्मान

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
एक नई शुरुआत
एक नई शुरुआत

 

जेद्दा. इस साल हज में एक नया इतिहास बना, जब जब एक महिला ने पहली बार महरम यानि पुरुष अभिभावक के बिना हज किया. यह एक बड़ा बदलाव और एक बड़ी क्रांति है, जिसे बदलते सऊदी अरब का जीता जागता उदाहरण माना जा सकता है. इससे पहले भी महिलाओं के सामाजिक संदर्भ में बड़े बदलाव हुए हैं.

सऊदी सरकार द्वारा महरम की आवश्यकता को हटाने के बाद, पाकिस्तान के 35वर्षीय बुशरा शाह ने मुहर्रम के बिना हज किया.

जेद्दा की रहने वाली पाकिस्तानी महिला बुशरा शाह ने कहा कि उन्होंने बचपन से ही भगवान के घर जाने का सपना देखा था और उन्हें विश्वास नहीं हो रहा था कि यह सपना इतने ऐतिहासिक मौके पर पूरा हुआ.

मेरे साथ और भी कई महिलाएं हैं और हम सभी बहुत खुश हैं.

इस साल, सऊदी अरब के हज और उमराह मंत्रालय ने महिला को बिना महरम के हज करने की अनुमति दी.

गौरतलब है कि इस साल कोरोना महामारी के चलते सिर्फ 60,000तीर्थयात्रियों को ही हज करने की इजाजत मिली थी, जिसके लिए पहली शर्त टीकाकरण की थी. इस साल हज यात्रियों में करीब 40फीसदी महिलाएं हैं.