काबुल. तालिबान ने अमेरिका और अन्य वैश्विक शक्तियों से अफगानिस्तान में उसकी सरकार को मान्यता देने में समय बर्बाद नहीं करने का आह्वान किया है. साथ ही चेतावनी दी है कि ऐसा करने में विफलता न केवल देश के लिए, बल्कि दुनिया के लिए बड़ी समस्याएं पैदा करेगी.
सूचना और संस्कृति के उप मंत्री जबीहुल्ला मुजाहिद ने काबुल में एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा, ‘अमेरिका के लिए हमारा संदेश है, अगर गैर-मान्यता जारी रहती है, तो अफगान समस्याएं जारी रहेगी. यह क्षेत्र की समस्या बनेगी और दुनिया के लिए एक समस्या बन सकती है.’
उन्होंने कहा, ‘तालिबान और अमेरिका के बीच पिछली बार युद्ध होने का कारण यह था कि दोनों के बीच औपचारिक राजनयिक संबंध नहीं थे. अमेरिका ने 2001 में 11 सितंबर, 2001 के बाद अफगानिस्तान पर हमला किया, जब हमने अलकायदा चीफ ओसामा बिन लादेन को सौंपने से इनकार कर दिया था.’
मुजाहिद ने कहा कि जिन मुद्दों के कारण अतीत में युद्ध हुआ, उन्हें बातचीत और राजनीतिक समझौते के जरिए सुलझाया जा सकता है.
उन्होंने कहा, ‘मान्यता अफगानिस्तान के लोगों का अधिकार था. ऐसा करने में विफलता के परिणामस्वरूप अफगान संपत्ति और धन की जब्ती जारी रहेगी, जब देश गंभीर आर्थिक और मानवीय संकट का सामना कर रहा है.’
अगस्त में अफगानिस्तान के पतन के बाद से, किसी भी देश ने औपचारिक रूप से तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है.
तालिबान के प्रतिनिधिमंडल चीन सहित विभिन्न देशों के गणमान्य व्यक्तियों से मिल रहे हैं, जबकि वरिष्ठ विदेशी अधिकारियों ने हाल ही में काबुल का दौरा किया है, जिसका उद्देश्य अफगानिस्तान में एक अधिक समावेशी सरकारी ढांचे के लिए आपसी समझ पैदा करना है.
फिलहाल, वैश्विक समुदाय द्वारा गैर-मान्यता के कारण, यूएस फेडरल रिजर्व में 10 बिलियन डॉलर की विदेशी संपत्ति को अवरुद्ध कर दिया गया है.
मुजाहिद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में आगे कहा, ‘मौजूदा व्यवस्था को मान्यता देना अफगानों का अधिकार है और कोई भी हमें इस अधिकार से वंचित नहीं कर सकता और न ही इससे किसी को फायदा होगा.’
दूसरी ओर, वैश्विक समुदाय का कहना है कि तालिबान को अफगान महिलाओं और अल्पसंख्यकों के अधिकारों को सुनिश्चित करने के अपने सार्वजनिक वादों पर खरा उतरने की जरूरत है.
महिला शिक्षा के मुद्दे पर, मुजाहिद ने दावा किया कि कई अफगान प्रांतों में युवा लड़कियां स्कूल लौट आई हैं और इस मुद्दे को धीरे-धीरे पूरे देश में हल किया जा रहा है.
मुजाहिद ने कहा, ‘हम विदेशियों को यह अधिकार नहीं देंगे कि वे हमें निर्देश दें कि हमारी लड़कियों को शैक्षिक गतिविधियों को कैसे करना चाहिए. यह एक आंतरिक अफगान मामला है.’