आवाज द वॉयस /पेरिस
फ्रांस में भारतीय राजदूत जावेद अशरफ ने पेरिस इंफ्रा वीक के उद्घाटन में भाग लिया, जहां उन्होंने नई दिल्ली के बुनियादी ढांचे, डिजिटलीकरण और रसद समर्थन विकास पर प्रकाश डाला.
सोमवार को इस कार्यक्रम में विभिन्न गणमान्य व्यक्तियों ने भाग लिया. इस दौरान उन्हांेने बताया कि कैसे भारत के बुनियादी ढांचे में डिजिटलीकरण और लॉजिस्टिक्स सपोर्ट ग्रोथ, समावेश, स्थिरता, संप्रभुता, रणनीतिक स्वायत्तता और लचीलापन है.
विशेष रूप से, भारत और फ्रांस के बीच हमेशा पारंपरिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध रहे हैं. 1998 में, दोनों देशों ने एक रणनीतिक साझेदारी में प्रवेश किया, जो घनिष्ठ और बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों के अलावा कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर उनके विचारों के अभिसरण का प्रतीक है.
दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंध बढ़े हैं. फ्रांसीसी व्यवसायों और उद्योग ने भारतीय अर्थव्यवस्था के साथ संबंध बनाए हैं. एक आत्मानिर्भर भारत बनने के हमारे लक्ष्य में महत्वपूर्ण योगदान दिया है.
भारत में रक्षा, आईटीईएस, परामर्श, इंजीनियरिंग सेवाओं, भारी उद्योग आदि जैसे विभिन्न क्षेत्रों में 1000 से अधिक फ्रांसीसी व्यवसाय हैं. 2 अप्रैल 2000 से दिसंबर 2020 तक 9 बिलियन अमरीकी डालर के संचयी एफडीआई स्टॉक के साथ फ्रांस भारत में 7वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक है, जो भारत में कुल एफडीआई प्रवाह का 2 प्रतिशत दर्शाता है.
इसके अलावा, भारत में कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान, फ्रांस ने भी फ्रांस गणराज्य के राष्ट्रपति के अनुरोध पर शुरू किए गए एक विशाल एकजुटता मिशन के साथ भारत का समर्थन किया.
फ्रांस रक्षा सहयोग में तेजी से बढ़ता हुआ भारतीय भागीदार भी है और दोनों देश एक मजबूत रणनीतिक और रक्षा साझेदारी साझा करते हैं. महामारी के बावजूद राफेल की समय पर डिलीवरी में देखा गया है.
दोनों पक्ष रक्षा के क्षेत्र में तालमेल का आनंद ले रहे हैं. फरवरी 2022 में, भारत को फ्रांस से तीन राफेल लड़ाकू विमानों का आठवां खेप प्राप्त हुआ.