फिच ने पाकिस्तान की रेटिंग और गिराई, पाक रुपया और लुढ़का, शेयर बाजार धड़ाम

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 20-07-2022
फिच ने पाकिस्तान की रेटिंग और गिराई, पाक रुपया और लुढ़का, शेयर बाजार धड़ाम
फिच ने पाकिस्तान की रेटिंग और गिराई, पाक रुपया और लुढ़का, शेयर बाजार धड़ाम

 

इस्लामाबाद. फिच रेटिंग के पाकिस्तान को डाउनग्रेड करने के बाद इसका सीधा असर यहां की करेंसी पाकिस्तानी रूपया और शेयर बाजार पर पड़ा है. पिछले दो दिनों में जहां पाकिस्तानी रूपया एक और गिर गया वहीं शेयर बाजार में 1500 अंकों की गिरावट दर्ज की गई. इसके अलावा देश में राजनीतिक उथल पुथल ने नई अनिश्चितिताओं को जन्म दे दिया है.

पाकिस्तान के आर्थिक विकास को डाउनग्रेड करने वाली फिच रेटिंग, विस्तारित फंडिंग सुविधा (ईएफएफ) कार्यक्रम के तहत देश में टैक्स आधार बढ़ाने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के साथ पाकिस्तान के समझौते के संदर्भ में आई है.

फिच ने कहा है कि यह जानता है कि पाकिस्तान आईएमएफ के साथ एक समझौते पर पहुंचा है, लेकिन देश में मौजूदा राजनीतिक स्थिति और सरकार की अनिश्चितता के बीच कड़े उपायों को लागू करना काफी मुश्किल होगा.

फिच डाउनग्रेड और मौजूदा राजनीतिक अनिश्चितता के चलते पाकिस्तानी रुपये पर गहरा असर पड़ा है. डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रूपया 224 तक गिर गया, जबकि पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज दो दिनों के कारोबार में कम से कम 1,500 अंक नीचे लुढ़का है.

स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान ने कहा, रुपये में हालिया गिरावट बाजार-निर्धारित विनिमय दर प्रणाली पर आधारित है. इस प्रणाली के तहत, चालू खाता स्थिति और घरेलू अनिश्चितता एक साथ करेंसी में उतार-चढ़ाव को निर्धारित करती है.

अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये का अवमूल्यन भी एक वैश्विक घटना है. वैश्विक स्तर पर, अमेरिकी डॉलर पिछले छह महीनों में 12 प्रतिशत बढ़कर 20 साल के उच्च स्तर पर पहुंच गया है, क्योंकि यूएस फेड ने आक्रामक रूप से ब्याज दरों में वृद्धि की है, पाकिस्तान के स्टेट बैंक ऑफ इंडिया ने कहा.

दूसरी ओर, ब्रोकरेज हाउसों ने कहा कि पाकिस्तान स्टॉक एक्सचेंज में मंदी के कारण हंगामा जारी है. ब्रोकरेज हाउस आसिफ हबीब ने कहा, राजनीतिक उथल पुथल और अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपये के अवमूल्यन के कारण बिकवाली जारी है. प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की सरकार और उनके कट्टर राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी इमरान खान के बीच कोई राजनीतिक समझौता नहीं होने से पाकिस्तान के लिए मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं.