FATF बैठकः पाकिस्तान पर लगेगी अंतरराष्ट्रीय पाबंदी या मिलेगी राहत, फैसला 25 को

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 22-06-2021
एफएटीएफ बैठकः पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की संभावना कम !
एफएटीएफ बैठकः पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने की संभावना कम !

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

क्या पाकिस्तान एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट में अभी बना रहेगा या ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा ? सोमवार से शुरू हुई एफएटीएफ की पांच दिवसीय बैठक के बाद यह महत्वपूर्ण सवाल एक फिर अंतरराष्ट्रीय पटल पर गूंजने लगा है. बार-बार के आश्वासन के बावजूद मनी लाॅन्ड्रिंग एवं आतंकवादियों के वित्तपोषण मामले में अभी तक पाकिस्तान का प्रदर्शन
 
संतोषजनक नहीं रहा है. ऐसे में पाकिस्तान ग्रे से ब्लैक लिस्ट में चला जाए तो कोई ताज्जुब नहीं. हालांकि इमरान सरकार ऐसी तमाम संभावनाओं से इनकार कर रही है, पर पाकिस्तान के भीतर से ही तरह-तरह की आशंकाएं जाहिर की जाने लगी हैं.
 
 
मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण पर अंकुश लगाने के लिए काम करने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की प्रमुख आभासी बैठक सोमवार को पेरिस में शुरू हो गई.
 
पांच दिवसीय बैठक में मनी लॉन्ड्रिंग और आतंकवादी वित्तपोषण के खिलाफ पाकिस्तान के प्रदर्शन की समीक्षा की जाएगी. तय किया जाएगा कि इसे ग्रे लिस्ट से हटाया जाए या नहीं.हमेशा की तरह, पाकिस्तानी अधिकारियों को उम्मीद है कि बैठक में देश के प्रदर्शन को देखते हुए पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से हटाने का फैसला किया जा सकता है.
 
इस आशावाद का एक कारण इस महीने की शुरुआत में एफएटीएफ की सहायक कंपनी एशिया-पैसिफिक ग्रुप द्वारा पाकिस्तान की रेटिंग को अपग्रेड करने की घोषणा है, जिसमें संघीय ऊर्जा मंत्री और एफएटीएफ के लिए पाकिस्तान के कार्यवाहक मंत्री हमाद अजहर ने कहा कि यह व्यापक परिणाम था. 14 संघीय और तीन प्रांतीय कानूनों में सुधार हुआ है.
 
2 जून को जारी एशिया-पैसिफिक ग्रुप म्यूचुअल इवैल्यूएशन रिव्यू रिपोर्ट के मुताबिक, ‘‘पाकिस्तान ने एफएटीएफ की 40 तकनीकी सिफारिशों में से 31 को लागू करके यह रेटिंग हासिल की है.‘‘
 

पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर आएगा ?

 

इस संबंध में एफएटीएफ  में पाकिस्तान का प्रतिनिधित्व करने वाली टीम के एक सदस्य ने कहा कि इस साल फरवरी तक पाकिस्तान ने एक्शन प्लान के 27 में से 24 बिंदुओं को लागू कर दिया था जिसके बाद आगे की प्रगति हुई. नवीनतम समीक्षा के अनुसार पाकिस्तान ने 27 में से 26 बिंदुओं पर कार्रवाई की है जिसके बाद 25 जून को एफएटीएफ का फैसला आने की उम्मीद है.
 
हालांकि, उन्होंने कहा कि एपीजी की 40 सिफारिशों में से 31 को लागू करने के बावजूद पाकिस्तान को अभी भी मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में कई तकनीकी कमियों को दूर करना है. इसी तरह, एफएटीएफ के आतंकवादी वित्तपोषण के 27 बिंदुओं के संबंध में तकनीकी और कार्यान्वयन स्तरों पर बहुत कुछ किया जाना बाकी है, जिसमें स्वाभाविक रूप से एक या डेढ़ साल लग सकते हैं. 
 
इसलिए एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में अभी और समय लग सकता है.उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने शुरू से शुरुआत की थी. अब 80 फीसदी से ज्यादा काम हो चुका है. इस तरह की प्रगति के लिए किसी भी देश को समय चाहिए.
 
हालांकि, इस संबंध में अंग्रेजी अखबार डॉन से जुड़े आर्थिक मामलों के पत्रकार खलीक कयानी ने कहा कि पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट से बाहर होने के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी.उन्होंने कहा, ‘‘इससे पहले भी, सरकार आशावादी दिख रही है, लेकिन वांछित परिणाम प्राप्त नहीं हुए हैं.‘‘
 
उन्होंने कहा, सोमवार को एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान पूछे जाने पर, संघीय मंत्री हमद अजहर ने जवाब दिया कि एफएटीएफ पाकिस्तान की एक साथ दो समीक्षाएं कर रहा है. ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने के लिए, जिसमें से एक एशिया-प्रशांत समूह की समीक्षा है जिसमें पाकिस्तान ने 40 में से 31 बिंदुओं पर प्रगति की है. दूसरा एफएटीएफ की कार्रवाई है.
 
संघीय मंत्री ने कहा कि दोनों आकलनों को ध्यान में रखते हुए अंतिम फैसला लिया जाएगा.एफएटीएफ की वेबसाइट के मुताबिक, 25 जून की बैठक के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में फैसलों की घोषणा की जाएगी.
 

पाकिस्तान की प्रगति

 

पाकिस्तानी अधिकारियों का दावा है कि पाकिस्तान ने एक्शन प्लान के 27 में से 26 बिंदुओं को लागू किया है, जिसके आधार पर पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर होने की उम्मीद है. इस साल फरवरी में एफएटीएफ की बैठक में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट से बाहर होने के लिए जून तक का समय दिया गया था.
 
उस समय एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए एफएटीएफ अध्यक्ष डॉ. मार्कस प्लेयर ने कहा था, ‘‘पाकिस्तान ने एक्शन प्लान को उच्चतम स्तर पर लागू करने का आश्वासन दिया है. पाकिस्तान को इस समय ब्लैक लिस्ट में नहीं डाला जा सकता.‘‘ 
 
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने 27 में से 24 बिंदुओं पर अमल किया है. डॉ. मार्क्स प्लेयर ने कहा था कि पाकिस्तान ने एक्शन प्लान को लागू करने में अच्छी प्रगति की है, लेकिन कुछ गंभीर कमियां अभी भी बनी हुई हैं. ये कमियां आतंकवाद के वित्तपोषण से संबंधित है.
 
पाकिस्तान को आतंकवादी वित्तपोषण समूहों, संगठनों और व्यक्तियों के खिलाफ अपनी जांच और अभियोजन में सुधार करने की आवश्यकता है.उन्होंने कहा था कि ‘‘जैसे ही पाकिस्तान बाकी बिंदुओं को लागू करेगा, हम देखेंगे कि पाकिस्तान का कार्यान्वयन कितना टिकाऊ है.‘‘
 
उल्लेखनीय है कि एफएटीएफ ने जून 2018 में आतंकवाद और मनी लॉन्ड्रिंग को रोकने के लिए प्रभावी उपाय करने में विफल रहने के लिए पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डाल दिया था. इसके लिए 27-सूत्रीय रणनीति का प्रस्ताव रखा था.