सीनेट चुनाव जीतकर भी इमरान खान की मूसीबत क्यों कम होती नहीं दिख रही

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 13-03-2021
सीनेट चुनाव जीतकर भी इमरान खान की मूसीबत क्यों कम होती नहीं दिख रही
सीनेट चुनाव जीतकर भी इमरान खान की मूसीबत क्यों कम होती नहीं दिख रही

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली 

सीनेट के चुनाव में इमरान खान को भले ही सफता मिल गई हो, इसके साथ ही उनके लिए परेशानियों के कई और दरवाजे खुल गए हैं. इसकी वजह है सीनेट में विपक्ष से एक सीट कम होना और दूसरा बड़ा कारण विपक्षी दलों के संयुक्त मोर्चा पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट का 26 मार्च को अब तक का सबसे बड़ा मार्च. इसे ‘लांग मार्च’ का नाम दिया गया है, जो सिंध से इस्लामाबाद तक निकाला जाएगा.
 
उल्लेखनीय है कि सीनेट चुनाव में इमरान खान सरकार गिरते-गिरते बची है. एक समय ऐसा लग रहा था कि सत्तारूढ़ तहरी ए इंसाफ के ही कई लोग सीनेट चुनाव में सरकार का साथ नहीं देंगे. लेकिन बड़ी मुश्किल से सरकार ‘वोट’ मैनेज करने में सफल रही. कहने को प्रधानमंत्री इमरान खान ने सीनेट चुनाव में पाकिस्तान के चुनाव आयोग की भूमिका पर उंगली उठाई है. 
 
यहां तक कि चुनाव के दौरान सीसीटीवी कैमरे के इस्तेमाल पर लंबा विवाद चला. सीनेट के चुनाव परिणाम भी उनके पक्ष में आ गए हैं. इसके बावजूद उनपर नाना प्रकार के आरोप लगाए जा रहे हैं, बल्कि उनकी परेशनी कम होती नहीं दिख रही. इसके संकेत वहां के वरिष्ठ पत्रकार एवं विश्लेषक हामिद मीर ने भी दिए हंै.
 
कल देर शाम आए चुनाव परिणाम के अनुसार, सरकार ने सीनेट के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव जीत लिया. सरकारी उम्मीदवार सादिक संजरानी और मिर्जा मुहम्मद अफरीदी विपक्षी उम्मीदवारों सैयद यूसुफ रजा गिलानी और मौलाना अब्दुल गफूर हैदरी को हराने में सफल रहे. उन्होंने अपने पद की शपथ भी ली है. 
 
 
उसके बाद से सत्तारूढ़ दल और सरकार में जश्न का माहौल है. मगर वरिष्ठ पत्रकार  हामिद मीर कहते हैं, इस जीत के साथ ही सरकार की नई परेशानियांे का दौर शुरू हो गया है. वह अपने माइक्रो-ब्लॉगिंग वेबसाइट पर लिखते हैं, ‘‘बधाई!‘‘ जो लोग सादिक संजरानी की जीत का जश्न मना रहे हैं, लेकिन याद रखें कि पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट (पीडीएम) के पास सीनेट में बहुमत है, 49 वोटों के साथ. ‘‘जबकि सरकार 48 वोटों के साथ कानून पारित करेगी? अब हर कानून में दरार होगी और राजनीति में तनाव बढ़ेगा. 
 
विपक्ष का ‘लांग मार्च’

उधर, पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट के अब तक के सबसे बड़े मार्च की व्यापक स्तर पर तैयारियां शुरू हो गई हैं. यह लांग मार्च 26 मार्च को आयोजित किया जाएगा.पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) ने पीडीएम द्वारा घोषित लांच में भाग लेने के लिए खास तैयारियां की हैं. पाकिस्तान के एक निजी टीवी चैनल के अनुसार, पीडीएम ने सरकार के खिलाफ 26 मार्च को सिंध से इस्लामाबाद तक मार्च निकालने का निर्णय  िलया है. इस संबंध में तैयारी शुरू हो गई. पार्टी नेतृत्व ने रणनीति बनाने के लिए एक सप्ताह के भीतर केंद्रीय और स्थानीय स्तर के नेताओं से सुझाव मांगे हैं. 
 
पार्टी सूत्रों ने कहा कि अंतिम रणनीति लीग के नेताओं से प्राप्त सुझावों के मद्देनजर तय की जाएगी. पीएमएल-एन के नेता नवाज शरीफ फाइनल टच देंगे. शाहबाज शरीफ के साथ विचार-विमर्श के बाद रणनीति को मंजूरी दी जाएगी. दूसरी ओर, हमजा शाहबाज और मरियम नवाज को पंजाब में सरकार विरोधी लांग मार्च के बारे में महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं. पार्टी नेता नवाज शरीफ ने कहा कि हमाज शाहबाज को आयोजन का काम दिया गया है.
 
 पंजाब में पार्टी को लामबंद करना. इस संबंध में, हमजा शाहबाज भी पंजाब में लांग मार्च से पहले यात्रा करेंगे. इस दौरान हमजा शाहबाज वर्कर्स कन्वेंशन और विभिन्न बैठकों की अध्यक्षता करेंगे. हमजा शाहबाज भी प्रांतीय नेतृत्व के साथ संपर्क और बैठकें करेंगे.
 
माना जा रहा है कि विपक्ष का अब तक यह मार्च सरकार की चूलें हिला देगा. हाल के दिनों में महंगाई आसमान पर पहुंच गई, जिसके कारण पाकिस्तान की अवाम इमरान खान सरकार से बहुत नाराज है. उनकी नाराजगी लांग मार्च को सफलता दिलाने में कारगर साबित होगी. इससे न केवल सरकार के विरूद्ध माहौल तैयार करने में मदद मिलेगी. अलगे चुनाव में इसका असर दिखेगा का भी.