शर्मनाक : हिंदू देवी की छवि के दुरुपयोग पर पाकिस्तानी नेता को लताड़

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 25-02-2021
आमिर लियाकत हुसैन
आमिर लियाकत हुसैन

 

राकेश चैरासिया / नई दिल्ली / इस्लामाबाद

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में पीएम इमरान खान की पार्टी के सदस्य (एमएनए) आमिर लियाकत हुसैन ने पीएमएल (एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज का मजाक उड़ाने के लिए हिंदू देवी की छवि का इस्तेमाल किया. इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुईं और अल्पसंख्यक समुदाय में रोष छा गया है.

आमिर द्वारा हिंदू देवी को हल्के में लेने और मजाक के लिए इस्तेमाल किए जाने पर इसे हिंदुओं का अपमान समझा गया है. इस पर आमिर लियाकत हुसैन को जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा है. उन्होंने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया है, लेकिन लोग सोशल मीडिया पर उनकी जेहनियत और सोच के लिए जमकर कोस रहे हैं.

पाकिस्तान के एक टीवी होस्ट के ट्वीट्स पर अक्सर लोग नाक-भौहें सिकोड़ते हैं. उसने मंगलवार को एक समाचार चैनल के स्क्रीनशॉट को शेयर किया, जिसमें मरियम नवाज को यह कहते हुए उद्धृत किया गया, “वे (सरकार) अब मेरा दूसरा रूप देखेंगे.”

इसके बाद आमिर लियाकत हुसैन ने अपने कोट्स के साथ एक हिंदू देवी की छवि इस्तेमाल की, जिसकी तुलना मरियम के ‘दूसरे रूप’ से की गई. इसके बाद हुसैन की सोच को लेकर बड़ी संख्या में नेताओं और लोगों ने उनकी जोरदार भर्त्सना की.भारी विरोध होने के बाद हुसैन ने अपने विवादित ट्वीट को डिलीट कर दिया.

उसके बाद भी लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ, लोग इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई को कटघरे में खड़ा करने लगे, तो हुसैन ने एक और ट्वीट किया, जिसमें कहा गया कि “हिंदू समुदाय की भावनाएं आहत हुईं हैं.” उन्होंने कहा कि उनका ट्वीट से अनादर करने का इरादा नहीं था और उसे हटा दिया था.

 

 

उन्होंने कहा, “मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं, यही मेरे धर्म ने मुझे सिखाया है.”

 

ईशनिंदा कानून के तहत कार्रवाई की चेतावनी

इससे पहले थारपारकर से पीटीआई के एमएनए और पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के प्रमुख डॉ. रमेश कुमार वांकवानी ने हुसैन के ट्वीट को ‘शर्मनाक कृत्य’ बताया.

 

 

उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “किसी व्यक्ति द्वारा किए गए इस शर्मनाक कृत्य की कड़ी निंदा, जो धार्मिक विद्वान होने का दावा करता है और अन्य धर्मों के प्रति सम्मान करना नहीं जानता है. इस ट्वीट को तुरंत हटा दें, अन्यथा हम ईशनिंदा कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करने और देश भर में विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं.”

 

उन्होंने कहा कि टीवी होस्ट की पोस्ट ने न केवल देश भर के हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों में भी नाराजगी पैदा की है, जिन्होंने पार्टी प्रमुख और प्रधानमंत्री इमरान खान को पसंद किया और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के बारे में उनकी पार्टी के घोषणापत्र में विश्वास किया.

इमरान खान संज्ञान लें

उमरकोट के एक अन्य पीटीआई एमएनए लाल मलही ने एक कदम आगे बढ़कर ट्वीट किया, “आमिर लियाकत के ईश निंदा की कड़ी निंदा करते हैं और इस अनैतिक कार्य का संज्ञान लेने के लिए इमरान खान से अपील करते हैं. इस्लाम सहित कोई भी धर्म उसे इस तरह के अतार्किक कृत्य करने की अनुमति नहीं देता है.”

 

 

उन्होंने कहा कि ट्वीट ने वास्तव में, हुसैन के ‘दूसरे रूप’ को उजागर किया है.

 

हुसैन माफीनामा जारी करें

सत्तारूढ़ पीटीआई के एमएनए जय प्रकाश भी अपने साथी एमएनए पर भारी पड़े और उन्होंने ट्वीट डिलीट करने के बाद माफीनामा जारी करने की मांग की है.

लोगों की भावनाओं का सम्मान करें

पत्रकारों के लिए जारी एक बयान में थारपारकर के पीपीपी एमपीए सुरेंद्र वलसाई ने आरोप लगाया कि हुसैन जैसे पीटीआई कानूनविदों ने “अपना मानसिक संतुलन खो दिया है” और अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और देश के ‘कमजोर’ समुदायों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वे प्रदर्शन करेंगे, यदि ‘राजनीतिक मसखरों’ द्वारा बिना शर्त माफी नहीं मांगी गई.

उन्होंने कहा, “जहां तक लोगों की धार्मिकता का सवाल है, तो हम सांसदों को ट्वीट करने या बयान जारी करने से पहले लोगों की भावनाओं का सम्मान करने की कोशिश करनी चाहिए.”

सांसद हिंदुओं से दुर्व्यवहार करते हैं

मानवाधिकार कार्यकर्ता कपिल देव ने भी ट्विटर पर हुसैन को लताड़ लगाई और प्रधानमंत्री इमरान से अनुरोध किया कि वे अपनी पार्टी के एक कानूनविद् द्वारा इस कृत्य का कड़ा नोटिस लें.

 

 

उन्होंने कहा कि हुसैन ने राजनीतिक बिंदुओं के लिए हिंदू देवी का इस्तेमाल किया.

 

उन्होंने कहा, “हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और संसद में बैठे लोगों द्वारा उनकी धार्मिक भावनाओं को भी आहत किया जाता है.”

कार्रवाई की जाए

थारपारकर के एक कार्यकर्ता और शिक्षाविद्, प्रणब शिवानी ने भी प्रधानमंत्री इमरान से अनुरोध किया कि वे राजनीतिक लक्ष्यों के लिए हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति ऐसी मानसिकता को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें.

कई अन्य प्रमुख शख्सियतों, हस्तियों, पत्रकारों और लेखकों ने भी ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपने पोस्ट पर हुसैन पर कटाक्ष किए हैं.


अब देखना है कि इस मुद्दे पर इमरान खान क्या स्टैंड लेते हैं या मामले की लीपापोती करने का प्रयास करेंगे.