राकेश चैरासिया / नई दिल्ली / इस्लामाबाद
पाकिस्तान की नेशनल असेंबली में पीएम इमरान खान की पार्टी के सदस्य (एमएनए) आमिर लियाकत हुसैन ने पीएमएल (एन) की उपाध्यक्ष मरियम नवाज का मजाक उड़ाने के लिए हिंदू देवी की छवि का इस्तेमाल किया. इससे हिंदुओं की भावनाएं आहत हुईं और अल्पसंख्यक समुदाय में रोष छा गया है.
आमिर द्वारा हिंदू देवी को हल्के में लेने और मजाक के लिए इस्तेमाल किए जाने पर इसे हिंदुओं का अपमान समझा गया है. इस पर आमिर लियाकत हुसैन को जबरदस्त विरोध झेलना पड़ा है. उन्होंने अपने ट्वीट को डिलीट कर दिया है, लेकिन लोग सोशल मीडिया पर उनकी जेहनियत और सोच के लिए जमकर कोस रहे हैं.
पाकिस्तान के एक टीवी होस्ट के ट्वीट्स पर अक्सर लोग नाक-भौहें सिकोड़ते हैं. उसने मंगलवार को एक समाचार चैनल के स्क्रीनशॉट को शेयर किया, जिसमें मरियम नवाज को यह कहते हुए उद्धृत किया गया, “वे (सरकार) अब मेरा दूसरा रूप देखेंगे.”
इसके बाद आमिर लियाकत हुसैन ने अपने कोट्स के साथ एक हिंदू देवी की छवि इस्तेमाल की, जिसकी तुलना मरियम के ‘दूसरे रूप’ से की गई. इसके बाद हुसैन की सोच को लेकर बड़ी संख्या में नेताओं और लोगों ने उनकी जोरदार भर्त्सना की.भारी विरोध होने के बाद हुसैन ने अपने विवादित ट्वीट को डिलीट कर दिया.
उसके बाद भी लोगों का गुस्सा कम नहीं हुआ, लोग इमरान खान और उनकी पार्टी पीटीआई को कटघरे में खड़ा करने लगे, तो हुसैन ने एक और ट्वीट किया, जिसमें कहा गया कि “हिंदू समुदाय की भावनाएं आहत हुईं हैं.” उन्होंने कहा कि उनका ट्वीट से अनादर करने का इरादा नहीं था और उसे हटा दिया था.
ہندو کمیونٹی کے جذبات مجروح ہوئے معافی کا خواست گار ہوں مقصد ہر گز ایسا نہیں تھا, ٹوئٹ ہٹا دیا ہے, میں تمام مذاہب کی عزت کرتا ہوں یہی میرے دین کی تعلیمات ہیں , ایک بار پھر معذدت
— Aamir Liaquat Husain (@AamirLiaquat) February 24, 2021
उन्होंने कहा, “मैं सभी धर्मों का सम्मान करता हूं, यही मेरे धर्म ने मुझे सिखाया है.”
इससे पहले थारपारकर से पीटीआई के एमएनए और पाकिस्तान हिंदू काउंसिल के प्रमुख डॉ. रमेश कुमार वांकवानी ने हुसैन के ट्वीट को ‘शर्मनाक कृत्य’ बताया.
Strongly condemned this shameful act by someone who claims to be a religious scholar also but doesn't know respect to other religions. Delete this tweet immediately otherwise we reserve right to demand strict action under the Blasphemy Act and protest across the country. https://t.co/yWgK8W19DM
— Dr. Ramesh Vankwani (@RVankwani) February 24, 2021
उन्होंने ट्विटर पर लिखा, “किसी व्यक्ति द्वारा किए गए इस शर्मनाक कृत्य की कड़ी निंदा, जो धार्मिक विद्वान होने का दावा करता है और अन्य धर्मों के प्रति सम्मान करना नहीं जानता है. इस ट्वीट को तुरंत हटा दें, अन्यथा हम ईशनिंदा कानून के तहत कड़ी कार्रवाई करने और देश भर में विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार सुरक्षित रखते हैं.”
उन्होंने कहा कि टीवी होस्ट की पोस्ट ने न केवल देश भर के हिंदुओं की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है, बल्कि सत्तारूढ़ पार्टी के समर्थकों में भी नाराजगी पैदा की है, जिन्होंने पार्टी प्रमुख और प्रधानमंत्री इमरान खान को पसंद किया और धार्मिक अल्पसंख्यकों के अधिकारों की रक्षा के बारे में उनकी पार्टी के घोषणापत्र में विश्वास किया.
उमरकोट के एक अन्य पीटीआई एमएनए लाल मलही ने एक कदम आगे बढ़कर ट्वीट किया, “आमिर लियाकत के ईश निंदा की कड़ी निंदा करते हैं और इस अनैतिक कार्य का संज्ञान लेने के लिए इमरान खान से अपील करते हैं. इस्लाम सहित कोई भी धर्म उसे इस तरह के अतार्किक कृत्य करने की अनुमति नहीं देता है.”
Strongly condemn the blasphemous act of @AamirLiaquat and appeal @ImranKhanPTI to take notice of this immoral act. No religion including Islam permits him to do such illogical acts. This act exposes #دوسراروپ of amir liaquat . pic.twitter.com/1MM4XarPfx
— LAL MALHI (@LALMALHI) February 24, 2021
उन्होंने कहा कि ट्वीट ने वास्तव में, हुसैन के ‘दूसरे रूप’ को उजागर किया है.
सत्तारूढ़ पीटीआई के एमएनए जय प्रकाश भी अपने साथी एमएनए पर भारी पड़े और उन्होंने ट्वीट डिलीट करने के बाद माफीनामा जारी करने की मांग की है.
पत्रकारों के लिए जारी एक बयान में थारपारकर के पीपीपी एमपीए सुरेंद्र वलसाई ने आरोप लगाया कि हुसैन जैसे पीटीआई कानूनविदों ने “अपना मानसिक संतुलन खो दिया है” और अपने राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों और देश के ‘कमजोर’ समुदायों के खिलाफ अपमानजनक भाषा का इस्तेमाल कर रहे थे. उन्होंने कहा कि वे प्रदर्शन करेंगे, यदि ‘राजनीतिक मसखरों’ द्वारा बिना शर्त माफी नहीं मांगी गई.
उन्होंने कहा, “जहां तक लोगों की धार्मिकता का सवाल है, तो हम सांसदों को ट्वीट करने या बयान जारी करने से पहले लोगों की भावनाओं का सम्मान करने की कोशिश करनी चाहिए.”
मानवाधिकार कार्यकर्ता कपिल देव ने भी ट्विटर पर हुसैन को लताड़ लगाई और प्रधानमंत्री इमरान से अनुरोध किया कि वे अपनी पार्टी के एक कानूनविद् द्वारा इस कृत्य का कड़ा नोटिस लें.
Why is there anti-Hindu bigotry in our political debates and discourses? Hope this message will reach out to @PTIofficial leadership and they will take notice of it. pic.twitter.com/WBKhcjyNOB
— Kapil Dev (@KDSindhi) February 24, 2021
उन्होंने कहा कि हुसैन ने राजनीतिक बिंदुओं के लिए हिंदू देवी का इस्तेमाल किया.
उन्होंने कहा, “हिंदुओं के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है और संसद में बैठे लोगों द्वारा उनकी धार्मिक भावनाओं को भी आहत किया जाता है.”
थारपारकर के एक कार्यकर्ता और शिक्षाविद्, प्रणब शिवानी ने भी प्रधानमंत्री इमरान से अनुरोध किया कि वे राजनीतिक लक्ष्यों के लिए हिंदुओं और अन्य धार्मिक अल्पसंख्यकों के प्रति ऐसी मानसिकता को बढ़ावा देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें.
कई अन्य प्रमुख शख्सियतों, हस्तियों, पत्रकारों और लेखकों ने भी ट्विटर और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अपने पोस्ट पर हुसैन पर कटाक्ष किए हैं.
अब देखना है कि इस मुद्दे पर इमरान खान क्या स्टैंड लेते हैं या मामले की लीपापोती करने का प्रयास करेंगे.