लोगों से किए वादे पूरा करने का मौका नहीं मिला: केपी ओली

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 16-02-2021
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली
नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली

 

 

काठमांडू. नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने कहा है कि उन्हें लोगों से किए गए वादों को पूरा करने का मौका ही नहीं मिला.

द हिमालयन टाइम्स ने मंगलवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि ओली ने अपने कार्यालय में पिछले तीन वर्षो में सरकार की उपलब्धियां प्रस्तुत करते हुए यह बात कही.

उन्होंने पिछले साल 20दिसंबर को प्रतिनिधि सभा को भंग करने के लिए की गई सिफारिश को सही ठहराते हुए कहा कि यह देश को अस्थिरता और राजनीतिक साजिशों के गहरे गड्ढे में गिरने से रोकने के लिए सबसे व्यवहार्य विकल्प था.

प्रधानमंत्री ने कहा कि यह पूरी तरह से निराशा की बात है कि पार्टी के सह-अध्यक्ष पुष्प कमल दहल ने अविश्वास प्रस्ताव पत्र में उन पर आपराधिक अपराधों का आरोप लगाया.

द हिमालयन टाइम्स ने ओली के हवाले से कहा, “संसदीय दल में, पार्टी के व्हिप या चीफ व्हिप को लेकर मेरे खिलाफ एक भी औपचारिक शिकायत या तर्कसाध्य आलोचना नहीं हुई. पत्र नकारात्मकता से भरा था और मामले को बदतर बनाने के लिए उन्होंने पत्र को छापा और देश भर में प्रसारित किया.”

अपने कार्यालय में मंत्रिमंडल के सदस्यों और सरकारी अधिकारियों को संबोधित करते हुए, ओली ने कहा कि उन्होंने संसद को अपनी पार्टी के नेताओं के निहित स्वार्थ का शिकार न बनने को लेकर अपनी ओर से पूरी कोशिश की थी.

उन्होंने कहा, “नेताओं ने न तो मुझे प्रमुख पदों पर लोगों को नियुक्त करने दिया और न ही उन्होंने मुझे आसानी से काम करने दिया. उन्होंने लगभग एक समानांतर सरकार चलाई और इसने मुझे सदन को भंग करने के लिए मजबूर किया.”

इसके साथ ही ओली ने स्वीकार किया कि उनकी सरकार महामारी के कारण ज्यादा कुछ नहीं कर सकी, जिसने दुनियाभर में आर्थिक गतिविधियों को प्रभावित किया है.

उन्होंने कहा कि देश का मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) लगातार बढ़ रहा है और यह दर्शाता है कि देश धीरे-धीरे विकसित हो रहा है.