बांग्लादेश में 1971 की पराजित ताकतें सिर उठा रही हैं: रेजाउल करीम

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 30-03-2021
एम. रजौल करीम
एम. रजौल करीम

 

ढाका. मत्स्य मंत्री एम. रेजाउल करीम ने कहा, जब देश में शांति है, जब लोगों के लिए कपड़े, आवास सहित अन्य सभी सुविधाएं सुनिश्चित की गई हैं. ऐसे समय में एक वर्ग को विकास प्रगति अच्छी नहीं लग रही. वे सभी मुक्ति युद्ध की पराजित सेना हैं. मुक्ति युद्ध की पराजित शक्तियां मृत नहीं हैं, उनके भूत अभी भी जीवित हैं, मुक्ति युद्ध के पराजित बलों के बच्चे अभी भी इस देश में जीवित हैं.

वे गांदरिया के मिल बैरक नेवल जेट्टी में बांग्लादेश अवामी फिशरमैन लीग द्वारा आयोजित स्वतंत्रता के स्वर्ण जयंती समारोह और राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की जन्म शताब्दी के अवसर रैली को संबोधित कर रहे थे.

उन्होंने कहा कि ‘वे’ मुक्ति संग्राम के बांग्लादेश को पसंद नहीं करते हैं, ‘उन्हें’ बंगबंधु का बांग्लादेश पसंद नहीं है, ‘उन्हें’ धर्मनिरपेक्ष बांग्लादेश पसंद नहीं है, ‘उन्हें’ शेख हसीना के नेतृत्व में विकास की अथक गति पसंद नहीं है.

उन्होंने कहा कि इस्लाम आतंकवाद, उग्रवाद, अन्याय और उत्पीड़न को कभी पसंद नहीं करता. लेकिन इस्लाम के नाम पर कुछ विघटनकारी सांप्रदायिक बुरी ताकतें बांग्लादेश में अस्थिर माहौल बना रही हैं. वे राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान की विचारधारा और मुक्ति युद्ध की भावना को आहत कर रहे हैं. इसलिए वे जहां भी इस तरह का माहौल बनाना चाहते हैं, उनका पुरजोर विरोध करना होगा. इसके लिए, मछुआरों की लीग के सभी स्तरों के नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट तरीके से काम करना होगा. किसी भी तरह से 1971 की पराजित शक्ति को बढ़ने दिया जा सकता.

मत्स्य मंत्री करीम ने कहा, वर्तमान बांग्लादेश में एक व्यक्ति भोजन के बिना नहीं रहता है. एक आदमी नग्न नहीं है. एक भी व्यक्ति ऐसा नहीं है, जो पैसे की कमी के कारण किसी शैक्षणिक संस्थान में नहीं जा सकता है. आज पूरे बांग्लादेश में कपड़ा, आवास और शिक्षा सहित सभी क्षेत्रों में अकल्पनीय विकास हुआ है. अवामी लीग के अध्यक्ष और प्रधान मंत्री शेख हसीना के नेतृत्व में बांग्लादेश आज आगे बढ़ रहा है.

बांग्लादेश का मत्स्य पालन क्षेत्र बड़ी तेज गति से आगे बढ़ रहा है, इसका उल्लेख करते हुए मंत्री ने कहा कि मछली बांग्लादेश से विलुप्त नहीं होनी चाहिए, मछली पालन के माध्यम से पोषण और मांस की मांग पूरी की जा सकती है, मछली के निर्यात से विदेशी मुद्रा अर्जित की जा सकती है और बेरोजगारी दूर हो सकती है. इसके साथ ही प्रधान मंत्री शेख हसीना के पास विभिन्न परियोजनाओं को लेने और लागू करने की योजना है. आज मछली पालन से जुड़े लोग काफी धन कमा रहे हैं.

जेल जाने के बाद ‘घर पर सजा’होने के दुनिया के इतिहास में नए रिकॉर्ड का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा, "दुनिया के इतिहास में कोई भी देश ऐसा नहीं है, जहां लोगों को घर पर सजा दी जाती है, लेकिन प्रधानमंत्री शेख हसीना, बंगबंधु की बेटी, इसे कर दिखाया है."