इमरान पर हमला: रात भर सड़कों पर पीटीआई कार्यकर्ताओं का तांडव, पाकिस्तान में गृह युद्ध का खतरा

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 04-11-2022
इमरान पर जानलेवा हमला: रात भर सड़कों पर पीटीआई कार्यकर्ताओं का तांडव, पाकिस्तान में गृह युद्ध का खतरा
इमरान पर जानलेवा हमला: रात भर सड़कों पर पीटीआई कार्यकर्ताओं का तांडव, पाकिस्तान में गृह युद्ध का खतरा

 

hashmiमलिक असगर हाशमी 

पाकिस्तान के वजीराबाद में पूर्व प्रधानमंत्री एवं पाकिस्तान-तहरीक-ए-इंसाफ पीटीआई के प्रमुख इमरान खान पर लांग मार्च के दौरान जान लेवा हमले के विरोध में पाकिस्तान में रातभर जगह-जगह विरोध प्रदर्शन होते रहे. कई जगहों पर सार्वजनिक संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने और संघीय गृहमंत्री के घर के बाहर झड़प की खबर है. हालांकि इस मामले में शहबाज शरीफ की सरकार ने तत्परता दिखाते हुए हमले की जांच तेज कर दी है. मगर पीटीआई के नेताओं के जिस तरह के भड़काउ बयान आ रहे हैं, उससे पाकिस्तान के पूरी तरह आरजकता की चपेट में   आने का खतरा बढ़ गया है.

पीटीआई की ओर से कहा गया है कि इमरान खान उनके लिए ‘रेड लाइन की तरह हैं, इसे पार करने का अंजाम बुरा होगा.’ इमरान खान की पार्टी की ओर से इस तरह के बयान आने के बाद से पाकिस्तान में लोग भड़के हुए हैं.
 
रातभर सड़कों पर प्रदर्शन, टायर जलाने और रोड जाम करने की खबरें आती रहीं. पीटीआई नेता असद उमर ने बयान दिया है कि इमरान खान पर जानलेवा हमला, दरअसल, प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ, केंद्रीय गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह और आईएसआई के सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी की साजिश का परिणाम है.
 
हालांकि, पाकिस्तान सरकार ने इस बयान के टीवी प्रसारण पर रोक लगा दी है, बावजूद इसके रोक से पहले ही कई टीवी चैनलों पर बयान चल चुका है.भारत विरोधी पाकिस्तान का न्यूज़ चैनल ‘बोल’ इमरान खान के हमले को कुछ ज्यादा हवा दे रहा है.
 
हमले को लेकर इस चैनल पर रात भर खबरें दिखाई गईं. यहां तक कि पुलिस जांच से पहले ही गुरूवार की रात को बोल ने अपनी दलीलों से यह साबित करने की कोशिश की कि इमरान खान पर हमला एक बड़े षड़यंत्र का हिस्सा है.
हमले में एक नहीं कई लोग शामिल थे. हमले के आरोप में पकड़े गए शख्स से पहले कुछ लोगांे ने कम से कम पंद्र राउंड गोलियां चलाई थीं.ऐसी खबरें इमरान समर्थक चैनलों के दिखाने की वजह से लोग रातभर गुस्से में सड़कों पर लाठी-डंडा और हथियार लेकर घूमते रहे.
 
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इमरान खान पर जानलेवा हमले के बाद वजीराबाद में कई बार हवाई फायरिंग हुई. पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े. देश के  अधिकांश बड़े शहरों कीसड़कें जाम रहीं. केवल कराची में 17 स्थानों पर प्रदर्शन किया गया.
 
चूंकि पीटीआई के तमाम नेता इमरान खान के इलाज को लेकर सक्रिय हैं, इसलिए सड़कों पर तांडव मचाने वालों को रोकने के लिए अब तक कोई सामने नहीं आया है. यहां तक कि खबर लिखने तक पीटीआई के किसी भी वरिष्ठ नेता ने शांति की अपील तक नहीं की है. बड़ बोले पीटीआई नेता शेख रशीद ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि इमरान खान पर हमला देश में गृहयुद्ध शुरू करने की साजिश है.
 
पाकिस्तान वैसे ही आर्थिक तौर पर घुप अंधेरे में है.बड़ी मुश्किल से एफएटीएफ के ग्रे लिस्ट से बाहर आया है. इसके बाद वैश्विक स्तर से इसे बड़े आर्थिक सहयोग मिलने की जो उम्मीद थी, एक दिन पहले की घटना से अब इसमंे देरी हो सकती है.
 
आर्थिक सहयोग चाहने और अमेरिका के करीब जाने से चीन से खराब होते रिश्ते को ठीक करने के लिए अभी पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ शंघाई में हैं. मगर एक दिन पहले की घटना के चलते चीन के उनके कई कार्यक्रम में तब्दीली कर दी गई है.
 
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इधर,आज पीटीआई की राष्ट्रीय स्तर पर बैठक होने वाली है. इसमें कुछ ऐसा बड़ा फैसला लिया जा सकता है, जिससे पाकिस्तान बड़े आंदोलन की राह पकड़ सकता है. करीब सप्ताह भर पहले प्रधानमंत्री रहते कीमती तोहफों में कथित घोटाले के आरोप में पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने इमरान खान पर पांच साल के लिए चुनाव लड़ने पर पाबंदी लगाने में जितना तत्तपर्ता दिखाई उसके कारण पहले देश में धरना-प्रदर्शन का दौर चल रहा है.
 
अब नए घटनाक्रम में यह बड़ा बवाल का रूप ले सकता है. सेना और पीटीआई के बीच भी टसल है. यहां तक कि सेना को पहली बार उसके मुख्यालय को घेरे की चेतावनी दी जा चुकी है. ऐसे में बवाल बढ़ने पर सेना के हस्ताक्षेप के बाद पीटीआई कार्यकर्ता और उग्र हो सकते हैं.
 
हालांकि पाकिस्तान के जंग अखबार के वरिष्ठ पत्रकार खालिद महमूद खान को पाकिस्तान के हालात बिगड़ने के आसार कम लगते हैं, जबकि भारत के वरिष्ठ पत्रकार और दक्षिण एशिया पर गहरी नजर रखने वाले कमर आगा का कहना है कि बलोचिस्तान, पंजाब और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पीटीआई अच्छी स्थिति में है, इसलिए देश में अराजकता फैलाने मंे कुछ प्रांतीय सरकारों की पीटीआई कार्यकर्ताओं को शह मिल सकती है.
 
इसी बहाने इमरान खान की पार्टी यह जताना चाहेगी कि शहबाज की सरकार ने आर्थिक मोर्चे पर पाकिस्तान का गर्त में धकेला ही,कानून व्यवस्था की स्थिति संभालना भी इसके बस की बात नहीं है.