ईसाई महिला की बेरहमी से पिटाई, पाकिस्तानियों की हरकत से मुसलमान शर्मिंदा

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 30-01-2021
ईसाई महिला की बेरहमी से पिटाई, पाकिस्तानियों की हरकत से मुसलमान शर्मिंदा
ईसाई महिला की बेरहमी से पिटाई, पाकिस्तानियों की हरकत से मुसलमान शर्मिंदा

 

मलिक असगर हाशमी / नई दिल्ली

ईशनिंदा यानी अल्लाह, पैगंबर मोहम्मद और इस्लाम की खिल्ली उड़ाना. पाकिस्तान में ऐसा करने वालों को कड़ी सजा का प्रावधान है. कई मामलों में फांसी तक की सजा सुनाई जा चुकी है. इसके बावजूद ईशनिंदा के नाम पर पाकिस्तान के नागरिक कानून हाथ में लेने से बाज नहीं आ रहे. इसके नाम पर सर्वाधिक अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जाता है. ऐसा ही एक मामला फिर सामने आया है. कराची के एक अस्पताल में ईसाई नर्स तबिताकी ईशनिंदा के नाम पर जमकर धुनाई कर दी गई.

ईसाई नर्स को अस्पताल के कमरे में घेर कर मारा पीटा गया. इससे संबंधित एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसपर तीखी प्रतिक्रियाएँ आ रही हैं.  वीडियो पाकिस्तानी ईसाईयों की आवाज उठाने वाले ट्विटर हैंडल ‘वाॅयस आफ पाकिस्तान माइनाॅरिटी’ द्वारा जारी किया गया है.

 

लोग पीटते रहे, ईसाई महिला गिड़गिड़ाती रही

वीडियो में पहले एक मर्द खिड़की के रास्ते एक कमरे में घुसने की कोशिश करता दिखता है. फिर कुछ लोग उसे रोकते हैं. उसके बाद अस्पताल का स्टाफ कमरे का दरवाजा धक्के से खोलकर अंदर घुस जाता है, जहां डरी सहमी एक महिला बैठी नजर आती है. आक्रमक मुद्रा में लोगों को देखकर वह गिड़गिड़ाते हुए कहती नजर आती है-‘‘ मैं ने कोई गुस्ताखी नहीं की है.‘‘ मगर वहां मौजूद लोग उसकी नहीं सुनते. थप्पड़ ,मुक्के बरसाते रहते हैं. फिर एक महिला नर्स एक कागज लेकर आती है. उक्त महिला से उसपर माफीनामा लिखने को कहती है. ईसाई महिला उसपर कुछ लिखने लगती है. इस बीच उसकी फिर धुनाई शुरू हो जाती है. वीडियो के अंत में एक महिला नर्स उसके मुंह पर मुक्का जाड़ते नजर आती है.

घटना पर पाकिस्तानियों  का उड़ाया जा रहा मजाक

वीडियो जारी करने वाले ट्विटर हैंडल की ओर से नर्स और अस्पताल का विस्तृत ब्योरा नहीं दिया गया हैै. और न ही घटना किस तारीख की है, इसका जिक्र है. बावजूद इसके वीडियो फुटेज को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रिया हुई है. खबर लिखने तक वीडियो मैसेज को 101 लोगों ने रि-ट्विट एवं 137 लोगों ने लाइक किया. नूर ए मैन ट्विटर हैंडल से व्यंगात्म टिप्पणी की गई -‘‘ यह लें एक और फिकरी बौनोें का तबका जिनका इस्लाम खतरे में, देखे और चपेड़े मार के बमुश्किल बचा लिया. यह कौम मेरी जिंदगी में नहीं सुधरने वाली.’’

कानून हाथ में लेने से बाज नहीं आ रहे पाकिस्तानी

उल्लेखनीय है कि ऐसे शिकायतें पाकिस्तान से निरंतर आती रही हैं. एक मामले में एक ईसाई महिला को पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट द्वारा ईशनिंदा के आरोप में बरी कर देने के बावजूद उसे देश छोड़ने को मजबूर कर दिया गया था. वह इस समय सपरिवार कनाडा में रह रही है. ऐसे मामले में संयुक्त राष्ट्र परिषद भी पाकिस्तान सरकार को हिदायतें दे चुकी है, पर घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है.