जैक मा की ताकत से डरा चीन, मीडिया असेट्स हटाने के आदेश

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 16-03-2021
अरबपति जैक मा
अरबपति जैक मा

 

बीजिंग/नई दिल्ली. अरबपति जैक मा के साम्राज्य के खिलाफ अपनी लड़ाई को एक नए स्तर पर ले जाते हुए चीन सरकार ने कथित तौर पर इसके समूह अलीबाबा को अपनी मीडिया परिसंपत्तियों को हटाने के लिए कहा है.

द वॉल स्ट्रीट जर्नल की रिपोर्ट में इस मामले से संबंध रखने वाले लोगों का हवाला देते हुए बताया गया कि चीनी अधिकारी ‘देश में जनता के बीच दिग्गज प्रौद्योगिकी कंपनी के प्रभाव को लेकर चिंतित’ हैं.

अलीबाबा ने साउथ चाइना मॉर्निग पोस्ट का अधिग्रहण कर मीडिया क्षेत्र में अपने कदम बढ़ाए. यह एक ऐसा समाचार पत्र है, जिसे 118साल पहले हांगकांग में लॉन्च किया गया था.

कंपनी के पास चीन में उल्लेखनीय मीडिया होल्डिंग्स भी हैं, जिसमें प्रौद्योगिकी समाचार साइट 36केआर, स्टेट के स्वामित्व वाले शंघाई मीडिया समूह, ट्विटर-जैसे वीबो प्लेटफॉर्म में स्टेक्स और कई लोकप्रिय चीनी डिजिटल और प्रिंट समाचार आउटलेट शामिल हैं.

रिपोर्ट में सोमवार को कहा गया, “अलीबाबा ने सरकारी मीडिया जैसे समाचार एजेंसी सिन्हुआ और झेजियांग और सिचुआन प्रांतों में स्थानीय सरकार द्वारा संचालित समाचार पत्रों के समूह के साथ संयुक्त उद्यम या साझेदारी भी स्थापित की है.”

डब्ल्यूएसजे की रिपोर्ट के अनुसार, चीनी नियामक अलीबाबा के मीडिया के इंट्रेस्ट में विस्तार को लेकर चिंतित है और कंपनी को अपनी मीडिया होल्डिंग्स पर काफी हद तक अंकुश लगाने के लिए योजना के साथ आने के लिए कहा है.

सरकार ने यह नहीं बताया कि किन परिसंपत्तियों को हटाना होगा.

अलीबाबा द्वारा रिपोर्ट पर प्रतिक्रिया देना बाकी है.

सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध कंपनियों में अलीबाबा की हिस्सेदारी का संयुक्त बाजार मूल्य 8अरब डॉलर से अधिक है.

रिपोर्ट में कहा गया है, “वीबो कॉर्प में लगभग 3.5अरब की हिस्सेदारी और बिलिबिली इंक में लगभग 2.6अरब की हिस्सेदारी शामिल है, एक एसा वीडियो प्लेटफॉर्म जो युवा चीनियों के बीच खासा लोकप्रिय है.”