चीन ‘बाहर से मजबूत, लेकिन अंदर से कमजोर’ हैः विशेषज्ञ

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 12-02-2022
चीन ‘बाहर से मजबूत, लेकिन अंदर से कमजोर’ हैः विशेषज्ञ
चीन ‘बाहर से मजबूत, लेकिन अंदर से कमजोर’ हैः विशेषज्ञ

 

बीजिंग. चाइना कूप के लेखक गार्साइड रोजर गार्साइड का कहना है कि तथाकथित स्थिरता के बाहरी दुनिया के दावों के विपरीत, चीन ‘बाहरी रूप से मजबूत है, लेकिन अंदर से कमजोर है.’

बीजिंग में ब्रिटिश दूतावास में दो बार सेवा देने वाले गार्साइड का कहना है कि चीन के आंतरिक कारक मौजूदा शासन को अस्थिर कर सकते हैं.

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग इस साल नेशनल पार्टी कांग्रेस में सीसीपी अध्यक्ष के रूप में लगातार तीसरी बार सुरक्षित करने का प्रयास कर रहे हैं. गार्साइड ने कहा कि राष्ट्रपति शी की मौजूदा सरकार अपने बजट का ज्यादा हिस्सा सेना पर खर्च करने की तुलना में आंतरिक सुरक्षा पर खर्च कर रही है. यानि ‘यह अपने आंतरिक दुश्मनों से डरता है.’

लेखक का मानना है कि कम्युनिस्ट नेताओं का एक समूह चीनी नेता शी जिनपिंग के खिलाफ आंतरिक तख्तापलट कर सकता है और चीन को एक लोकतांत्रिक राजनीतिक व्यवस्था में बदल सकता है.

एक पूर्व राजनयिक, गार्साइड ने द एपोच टाइम्स को बताया, ‘चीन की राजनीतिक स्थिति गंभीर रूप से बीमार है. केवल एक प्रत्यारोपण ही राजनीतिक शरीर को बचा सकता है और प्रस्ताव पर एकमात्र अन्य प्रणाली प्रतिस्पर्धी लोकतंत्र है.’

गार्साइड के अनुसार, चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) में उच्च-स्तरीय नेतृत्व का मानना है कि शी चीन को ‘बहुत जोखिम भरी और खतरनाक’ दिशा में ले जा रहे हैं. प्रीमियर ली केकियांग सहित सीसीपी नेताओं का मानना है कि शी सीसीपी के भविष्य के साथ-साथ अपनी संपत्ति और शक्ति को भी खतरे में डाल रहे हैं.

यह दावा करते हुए कि सीसीपी नेता चीनी नेता के खिलाफ साजिश रच रहे हैं, लेखक आगे कहते हैं कि सीसीपी की भेद्यता के कुछ संकेत इस तरह के तख्तापलट को सक्षम कर सकते हैं.

राजनीतिक मोर्चे के अलावा, एक और आंतरिक कारक यह है कि चीन का निजी क्षेत्र शक्तिशाली और स्वायत्त हो गया है. गार्सिड के अनुसार, यह सीसीपी पर दबाव बना रहा है, जिससे देश के नेतृत्व में चिंता पैदा हो रही है.

उन्होंने कहा, ‘अलीबाबा ने न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज पर 24 बिलियन डॉलर जुटाए, 248 अन्य कंपनियों ने अपने राजनीतिक नियंत्रण से परे, अपने पूंजी विनिमय नियंत्रण से परे, कम्युनिस्ट पार्टी के नियंत्रण से अरबों डॉलर जुटाए हैं.’

उन्होंने कहा, ‘वे कंपनियां उस पैसे का इस्तेमाल चीन में राजनेताओं को खरीदने और शी जिनपिंग के प्रतिद्वंद्वियों को खरीदने के लिए कर सकती हैं.’

गार्साइड के अनुसार, एवरग्रांडे के नेतृत्व में संपत्ति क्षेत्र में गिरावट एक अन्य कारक है, जो अधिकारियों को तख्तापलट शुरू करने के लिए सशक्त बना सकता है.

गार्साइड ने कहा कि हालांकि ऐसा लगता है कि शी के पास सारी शक्तिसरं हैं, सीसीपी संरचना में क्षेत्रीय और स्थानीय सरकारों में कई ‘शक्ति केंद्र’ हैं. उन्होंने कहा, ‘शी जिनपिंग के पास सारी शक्ति नहीं है. उनके पास अपने हाथों में बहुत ही सूक्ष्म और कुशलता से केंद्रीकृत अधिकार है.’