चीन ने तिब्बती भिक्षुओं को मठ छोड़ने के लिए किया मजबूर

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
चीन ने तिब्बती भिक्षुओं को मठ छोड़ने के लिए किया मजबूर
चीन ने तिब्बती भिक्षुओं को मठ छोड़ने के लिए किया मजबूर

 

बीजिंग. तिब्बतियों पर बीजिंग की कार्रवाई के बीच, किंघई प्रांत में चीनी अधिकारी युवा भिक्षुओं को मठों को छोड़ने और उन्हें उनके घरों में वापस भेजने के लिए मजबूर कर रहे हैं.

यह कदम चीन द्वारा 1अक्टूबर को घोषित धार्मिक मामलों के नियमन का अनुसरण करता है, रेडियो फ्री एशिया ने सूत्रों के हवाले से बताया. सूत्र ने कहा, ‘जाख्युंग मठ और किंघई में अन्य मठों में युवा भिक्षुओं को अपने वस्त्र छोड़ने के लिए मजबूर किया गया है और उन्हें घर वापस भेजा जा रहा है.’

उन्होंने कहा, ‘सरकारी अधिकारी अब इन मठों का निरीक्षण कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि नियमों का पालन किया जा रहा है.’

सूत्र ने कहा, ‘उन्हें बताया जा रहा है कि वे अब मठों में नहीं लौट सकते हैं या भिक्षुओं के वस्त्र नहीं पहन सकते हैं, और उन्हें अब सरकारी स्कूलों में भेजा जाएगा या नहीं, यह भी स्पष्ट नहीं है.’

इस बीच, नए घोषित ‘नियम’ 20अक्टूबर को लागू किए गए थे और नियम कहते हैं कि किंघई में मठ अब कम उम्र के लड़कों को भिक्षुओं के रूप में स्वीकार नहीं कर सकते हैं या उन्हें धार्मिक गतिविधियों में भाग लेने की अनुमति नहीं दे सकते हैं.

इन ‘नए नियमों’ के समानांतर, चीनी अधिकारियों ने ‘अनौपचारिक’ तिब्बती भाषा की कक्षाओं पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जो बच्चे अपने स्कूलों के बाहर जाते हैं.

रेडियो फ्री एशिया ने एक सूत्र के हवाले से बताया कि अधिकारियों ने यह भी चेतावनी दी है कि सरकार के आदेश का उल्लंघन करने वाले को श्गंभीर कानूनी परिणाम और सजाश् का सामना करना पड़ेगा.

तिब्बती संस्कृति पर कार्रवाई के बीच, चीनी अधिकारियों ने दो तिब्बती छात्रों को भी हिरासत में लिया था, जिन्होंने तिब्बती स्कूलों में शिक्षा के एकमात्र माध्यम के रूप में चीनी भाषा के उपयोग को लागू करने की बीजिंग की योजना का ‘विरोध’ किया था.

कुछ विशेषज्ञों की राय है कि शिनजियांग प्रांत में चीन बड़े पैमाने पर उइगुर मुस्लिमों पर अत्याचार कर रहा है. इसके बावजूद विश्व जनमत चीन पर दबाव बनाने में नाकाम रहा है. यहां तक कि मुस्लिम देशों ने भी उइगुर मुस्लिमों पर चीन के जुल्म पर चुप्पी ओढ़ी हुई है. इसलिए चीन के हौसले बढ़ गए हैं और अब वह सिलसिलेवार तिब्बती भिक्षुओं पर आक्रमण कर रहा है.