आवाज द वॉयस/नई दिल्ली
ब्रिटेन स्थित भारतीय मूल के एडटेक उद्यमी द्वारा लोकप्रिय कहानियों का उपयोग करके तैयार किया गया एक अभिनव अंग्रेजी शिक्षण उपकरण अब भारत में बच्चों में साक्षरता के स्तर को सुधारने और अंग्रेजी बोलने को लेकर मौजूद अंतर को पाटने में मदद कर रहा है.
चैंप्स लर्निंग के संस्थापक निशिकांत कोठीकर द्वारा परिकल्पित ‘पावर वोकेबुलरी’ को मूल रूप से इंग्लैंड के स्कूली पाठ्यक्रम के लिए डिजाइन किया गया था, लेकिन यह भारत में बहुत प्रभावी साबित हुआ है, जहां अंग्रेजी दक्षता को शैक्षणिक सफलता और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए अहम माना जाता है.
कोठीकर ने बताया, ‘‘ज्यादातर लोग एक जैसे करीब 500 शब्दों का इस्तेमाल करते हैं, इसलिए हमारे बच्चे जो सुनते हैं, उसका अनुसरण करते हैं. अपनी शब्दावली ज्ञान का विस्तार करने का एकमात्र तरीका पढ़ना है. आप जितना ज़्यादा पढ़ेंगे, दायरा उतना ही व्यापक होगा और आपकी भाषा कौशल उतनी ही बेहतर होगी.’’
कोठीकर ने बताया कि अपने स्वयं के शैक्षिक अनुभवों से उन्हें ‘पावर वोकेबुलरी’ बनाने की प्रेरणा मिली, ताकि विद्यार्थियों को रटने की प्रक्रिया से आगे बढ़कर शब्दों को चित्रों और कहानियों के साथ जोड़कर अधिक आकर्षक शिक्षण पद्धति अपनाने में मदद मिल सके.
यह मॉड्यूल पारंपरिक शब्दावली ऐप्स या रटे-रटाए शब्द सूचियों से भिन्न होने का दावा करता है, क्योंकि यह कहानी-चालित और दृश्य-आधारित है.
पावर वोकेबुलरी चर्चित बच्चों के साहित्य से चुने गए शब्दों, इन शब्दों से जुड़ाव पैदा करने के लिए मजबूत दृश्य कल्पना, आसान ध्वन्यात्मक संकेतों के साथ ऑडियो उच्चारण गाइड और पुस्तक-आधारित मॉड्यूल के साथ संरेखित एक संरचित साप्ताहिक शिक्षण मॉडल की पेशकश करके कार्य करता है.
ऑनलाइन टूल का उपयोग करने वाले बच्चे आठ मॉड्यूल में आठ लोकप्रिय पुस्तकों से जुड़ते हैं, तथा उन्हें साप्ताहिक वीडियो द्वारा कहानी के संदर्भ में शब्दावली प्रस्तुत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है.