बड़ी खबरः रूस बोला भारत को एस-400 की आपूर्ति शुरू कर दी है

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] • 2 Years ago
एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली
एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली

 

नई दिल्ली. दुश्मन के लड़ाकू विमानों और क्रूज मिसाइलों को लंबी दूरी तक ले जाने की भारतीय क्षमताओं को बढ़ाने के लिए रूस ने भारत को एस-400 ट्रायम्फ वायु रक्षा मिसाइल प्रणाली की आपूर्ति शुरू कर दी है.

सैन्य-तकनीकी सहयोग (एफएसएमटीसी) के लिए रूसी संघीय सेवा के निदेशक दिमित्री शुगेव ने दुबई एयर शो में कहा, ‘रूस ने भारत को एस-400 वायु रक्षा प्रणाली की आपूर्ति शुरू कर दी है.’

एफएसएमटीसी रूसी सरकार का मुख्य रक्षा निर्यात नियंत्रण संगठन है. भारतीय रक्षा उद्योग के सूत्रों ने कहा कि वायु रक्षा प्रणाली के हिस्से भारत तक पहुंचने लगे हैं और उन्हें पहले पश्चिमी सीमा के करीब एक स्थान पर तैनात किया जाएगा, जहां से यह पाकिस्तान के साथ पश्चिमी और उत्तरी सीमाओं के दोनों हिस्सों से खतरों से निपट सकता है.

एस-400 वायु रक्षा प्रणाली को भारत द्वारा लगभग 35,000 करोड़ रुपये के सौदे में अनुबंधित किया गया था और 400 किमी तक हवाई खतरों से निपटने के लिए भारत को पांच स्क्वाड्रन प्रदान किए जाएंगे.

इस साल के अंत तक पहली स्क्वाड्रन डिलीवरी पूरी होने की उम्मीद है. सूत्रों ने कहा कि उपकरण को समुद्री और हवाई दोनों मार्गों से भारत लाया जा रहा है. सूत्रों ने कहा कि पहले स्क्वाड्रन की तैनाती के बाद वायुसेना देश के भीतर कर्मियों के प्रशिक्षण के लिए संसाधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ पूर्वी सीमाओं पर ध्यान देना शुरू कर देगी. भारतीय वायु सेना के अधिकारियों और कर्मियों ने इस प्रणाली पर रूस में प्रशिक्षण लिया है.

वायु रक्षा प्रणाली भारत को दक्षिण एशियाई आसमान में बढ़त देगी, क्योंकि वे 400 किमी की दूरी से दुश्मन के विमानों और क्रूज मिसाइलों को बाहर निकालने में सक्षम होंगे.

एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली चार अलग-अलग मिसाइलों से लैस है जो दुश्मन के विमानों, बैलिस्टिक मिसाइलों और अवॉक्स विमानों को 400 किमी, 250 किमी, मध्यम दूरी की 120 किमी और कम दूरी की 40 किमी पर मार सकती है. सूत्रों ने कहा कि कठिन सौदेबाजी और बातचीत के कारण भारत एस-400 की कीमत लगभग एक अरब डॉलर कम करवाने में कामयाब रहा.