पाकिस्तान के साइबर अपराधियों ने हैक किए थे एयरटेल के 26 लाख यूजर्स का डेटा

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 05-02-2021
बड़ा खुलासाः पाकिस्तान के साइबर अपराधियों ने हैक किए थे एयरटेल के 26 लाख यूजर्स का डेटा, आईएसआई की थी साजिश
बड़ा खुलासाः पाकिस्तान के साइबर अपराधियों ने हैक किए थे एयरटेल के 26 लाख यूजर्स का डेटा, आईएसआई की थी साजिश

 

 
नई दिल्ली. एक चैंकाने वाली खबर सामने आई है.जम्मू-कश्मीर के कम से कम 26 लाख एयरटेल उपयोगकर्ताओं का हालिया डेटा लीक पाकिस्तान स्थित हैकरों की करतूत है, जिन्होंने सार्वजनिक मंच पर डेटा डालने और बिटकॉइन में 3500 डॉलर में बेचने के लिए नए अकाउंट्स बनाए थे. एक सुरक्षा विशेषज्ञ ने गुरुवार देर रात यह खुलासा किया. 2018 में दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने एक पाकिस्तान स्थित हैकर समूह की पहचान की थी, जिसने भारत सरकार की वेबसाइटों को नष्ट और हैक कर लिया था.
 
हैकिंग ग्रुप की पहचान बाद में पाकिस्तान की जासूसी एजेंसी इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) के इशारे पर काम करने वाली ‘टीमलीट्स‘ के रूप में हुई. यह करतूत भी कहीं आईएसआई की तो नहीं थी. इसपर हो रहा है विचार.अब एयरटेल डेटा लीक के पीछे भी इसी हैकिंग समूह के होने की बात सामने आई है, जिसने शुरू में इंटरनेट पर एक डोमेन के माध्यम से डेटा को डंप किया.
 
हैकर्स, जो ‘टीमलीट्स‘ के नाम से जाने जाते हैं और संभवतः पाकिस्तान से काम कर रहे हैं, उन्होंने शुरू में डेटा को एक लिंक पर डंप किया और यहां तक कि ‘रेड रैबिट टीम्स‘ के नाम से एक ट्विटर हैंडल के माध्यम से और अधिक एयरटेल डेटा को भी लीक करने की धमकी दी. हालांकि नए ट्विटर अकाउंट्स को असामान्य गतिविधियों के लिए माइक्रोब्लॉगिंग साइट द्वारा प्रतिबंधित किया गया है.
टीमलीट्स ने फिर एक और ट्विटर हैंडल बनाया, जो ‘पनामा-3 (स्कैंडल एंड मेगा डेटाबेस)‘ के नाम से जाता है, जिसने 26 लाख जम्मू एवं कश्मीर के उपयोगकर्ताओं (यूजर्स) के मूल नमूने से डेटा के एक अन्य सबसेट के लिए ताजा लिंक ट्वीट किए, जो भारतीय सेना से संबंधित हो सकते हैं। इस अकाउंट को भी बाद में हटा दिया गया.
 
स्वतंत्र साइबर सुरक्षा शोधकर्ता राजशेखर राजहरिया ने आईएएनएस को बताया, ‘‘टीमलीट्स, जो कि पाकिस्तान स्थित हैकिंग समूह है, वही एयरटेल डेटा लीक के पीछे है.‘‘
 
राजहरिया ने कहा, ‘‘उन्होंने पहली बार पिछले साल दिसंबर में एक डोमेन पर डेटा डंप किया था, जिसे हटा दिया गया था. टीमलीट्स ने अपने एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए कुछ ट्विटर अकाउंट बनाए. यह संभव है कि रेड रैबिट टीम्स और टीमलीट्स एक ही सिक्के के दो पहलू हों या फिर साथ काम करते हों.‘‘

पाकिस्तान स्थित हैकर्स के पास डेटा तक पहुंच थी और वे उन्हें बेचना चाहते थे, लेकिन सफल नहीं हो सके. इसलिए, उन्होंने इंटरनेट पर डेटा को डंप कर दिया. हैकर्स ने सार्वजनिक मंच पर डेटा को डंप किया था, न कि डार्क वेब पर.
 
एयरटेल के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस समूह द्वारा दावा किए गए किसी भी एयरटेल सिस्टम का कोई हैक या उल्लंघन नहीं हुआ है.प्रवक्ता ने आईएएनएस को बताया, यह समूह अब 15 महीनों से हमारी सुरक्षा टीम के संपर्क में है और एक विशिष्ट क्षेत्र से गलत डेटा पोस्ट करने के अलावा अलग-अलग दावे किए हैं.
 
इससे पहले एक बयान में, एयरटेल ने कहा था कि इस विशिष्ट मामले में उनकी ओर से डेटा को लेकर किसी प्रकार का उल्लंघन नहीं हुआ है. कंपनी ने कहा था कि उसने संबंधित अधिकारियों को इस मामले से अवगत करा दिया है.