गाजा संघर्ष पर बिडेन के रूख से पार्टी में मतभेद

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 17-05-2021
गाजा संघर्ष पर बिडेन के रूख से पार्टी में मतभेद
गाजा संघर्ष पर बिडेन के रूख से पार्टी में मतभेद

 

आवाज द वाॅयस / वाशिंगटन / नई दिल्ली
 
गाजा संघर्ष मामले में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बिडेन  के मौजूदा रुख के चलते सत्तारूढ़ डेमोक्रेट के सदस्यों में मतभेद पैदा हो गया है. पार्टी का प्रगतिशील खेमा जहां अमेरिकी राष्ट्रपति के वर्तमान रूख से सहमत नही, वहीं रूढ़ीवादी डेमोक्रेट सरकार के रूख को सही ठहरा रहे हैं.
 
‘फाइनानशियल टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, प्रगतिशील डेमोक्रेट  राष्ट्रपति पर फिलिस्तीनियों के साथ इजरायल के व्यवहार पर सख्त रुख अपनाने का दबाव डाल रहे हैं. कांग्रेस के डेमोक्रेटिक सदस्य बिडेन प्रशासन की इजरायल की रक्षा करने की आलोचना कर रहे हैं. हालांकि यह दशकों पुरानी अमेरिकी विदेश नीति के विरूद्ध है.
 
वर्मोंट के वामपंथी सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने कहाः ‘‘जब संयुक्त राज्य अमेरिका इजरायल में लगभग 4 बिलियन डॉलर प्रति वर्ष निवेश करता है, तो हमें यह मांग करने का अधिकार है कि वह फिलिस्तीनियों सहित सभी के मानवाधिकारों का सम्मान करें. ‘‘
 
उन्होंने समाचार चैनल एमएसएनबीसी से कहाः ‘‘अब हमें एक समान नीति की आवश्यकता है. इजराइल को जहां शांति और सुरक्षा में रहने का अधिकार है, वहीं फिलिस्तीनी क्षेत्रों के लोगों को भी शांति और सम्मान से जीने का अधिकार.‘‘
 
सैंडर्स की टिप्पणी बिडेन के उस बयान के एक दिन बाद आया है, जब वह इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और फिलिस्तीनी प्राधिकरण के अध्यक्ष महमूद अब्बास से ताजा संघर्ष पर बात की थी.
 
व्हाइट हाउस ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने अब्बास से कहा कि हमास को इजरायल में रॉकेट दागना बंद करना चाहिए, जबकि नेतन्याहू के‘‘अपनी रक्षा और इजरायल के अधिकार के लिए हमले का समर्थन किया था. व्हाइट हाउस के बयान में संघर्ष विराम का आह्वान नहीं किया गया था.
 
फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, रविवार को गाजा में मरने वालों की संख्या 192 थी, जिसमें 92 महिलाएं और बच्चे शामिल थे. इजरायल ने हमास के हमलों में दो बच्चों सहित 10 लोगों के मारे जाने की सूचना दी है.
 
राष्ट्रपति का लहजा इजरायल के लिए उनके दीर्घकालिक समर्थन को दर्शाता है. लेकिन इसने अमेरिकी मुस्लिम समूहों में गुस्सा पैदा कर दिया है. विरोध में उन्होंने ईद-उल-फितर के व्हाइट हाउस के आभासी कार्यक्रम का बहिष्कार किया. बाइडेन ने अपनी ही पार्टी के भीतर नई पीढ़ी के एक वर्ग को विरोध में खड़ा कर दिया है. जबकि उन्हें अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचे और जलवायु परिवर्तन जैसे घरेलू मुद्दों पर अपनी पार्टी के युवा, वामपंथी सदस्यों से समर्थन प्राप्त है.
 
कांग्रेस के कई सदस्यों ने पिछले गुरुवार को प्रतिनिधि सभा में एक भावुक बहस के दौरान फिलिस्तीन मामले में सरकार के मौजूदा रुख की खुलकर आलोचना की.
 
न्यूयॉर्क के प्रतिनिधि, अलेक्जेंड्रिया ओकासियो-कोर्टेज ने उस बहस के दौरान कहाः ‘‘राष्ट्रपति ने कहा कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है, तो क्या फिलिस्तीनियों को जीवित रहने का अधिकार नहीं है ? ”
 
अन्य डेमोक्रेट पहले भी  इजरायल के आलोचक रहे हैं. सीनेट की विदेश संबंध समिति के डेमोक्रेटिक अध्यक्ष बॉब मेनेंडेज ने एक बयान में कहा कि वह इजरायल की कुछ सैन्य कार्रवाइयों से बहुत परेशान हैं.
 
बराक ओबामा के अधीन रहे पूर्व उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बेन रोड्स ने कहा, ‘‘अमेरिका को गाजा में नागरिक जीवन के नुकसान को देखना, जिसमें इतने सारे बच्चे मारे गए और सार्वजनिक रूप से युद्धविराम का आह्वान नहीं करना गलत है.‘‘
 
रविवार की रात, जॉन ओसॉफ के नेतृत्व में 28 डेमोक्रेटिक सीनेटरों के एक समूह ने ‘‘जीवन के और नुकसान को रोकने और हिंसा को और बढ़ने‘‘ से रोकने के लिए तत्काल युद्धविराम का आह्वान किया.
 
लेकिन कांग्रेस के कई और स्थापित सदस्यों ने इजरायल के लिए अपने पारंपरिक समर्थन को बनाए रखने पर जोर दिया है. फ्लोरिडा से तीन बार के प्रतिनिधि टेड डच ने कहाः ‘‘अगर मुझे एक आतंकवादी संगठन और हमारे लोकतांत्रिक सहयोगी के बीच चयन करने के लिए कहा जाता है, तो मैं इजरायल के साथ खड़ा रहूंगा.‘‘
 
ऐसी मतभिन्नता , अमेरिकी नीतियों पर पार्टी के भीतर बदलते विचारों को दर्शाता है.