बांग्लादेश : भ्रष्टाचार के आरोप में 50 हेफाजत नेताओं से पूछताछ

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 10-06-2021
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ढाका. बांग्लादेश का भ्रष्टाचार निरोधक आयोग (एसीसी) धन के गबन और भ्रष्टाचार के आरोप में कट्टरपंथी संगठन हेफाजत-ए-इस्लाम के 50 नेताओं से पूछताछ करेगा, जिसमें उसके शीर्ष नेता जुनैद बाबूनगरी और मामुनुल हक शामिल हैं.

एसीसी के सचिव मोहम्मद अनवर हुसैन हावलादर ने बुधवार शाम आईएएनएस को बताया कि संबंधित सूचना मिलने के बाद हेफजत नेताओं से पूछताछ की जाएगी. हाउलाडर ने कहा कि एसीसी की चौथी बैठक बुधवार को हुई, जिसमें सात मुद्दों पर चर्चा हुई.

आयोग के जासूसों और देश के केंद्रीय बैंक बांग्लादेश बैंक के अधिकारियों द्वारा आरोपों में सच्चाई पाए जाने के बाद एसीसी द्वारा गबन और भ्रष्टाचार के आरोपों की जांच करने का निर्णय लिया गया था. एसीसी के अधिकारी अख्तर हुसैन आजाद के नेतृत्व में आठ सदस्यीय टीम का गठन 50 से अधिक आतंकवादी हेफाजत नेताओं के खिलाफ आरोपों की जांच के लिए किया गया है.

बाबूनगरी और हक सहित नेताओं ने कथित तौर पर संगठन के फंड, विभिन्न मदरसों, अनाथालयों, इस्लामी संस्थानों और धार्मिक उद्देश्यों के लिए प्राप्त विदेशी सहायता से भारी मात्रा में धन का गबन किया था. हॉवलेडर ने कहा कि केंद्रीय बैंक की बांग्लादेश फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (बीएफआईयू) को एक पत्र भेजा गया है, जिसमें 50 हेफाजत नेताओं के विशिष्ट वित्तीय विवरण मांगे गए हैं.

एसीसी ने पासपोर्ट कार्यालय और आव्रजन विभाग को भी पत्र भेजे हैं. सारी जानकारी इकट्ठा करने के बाद जांच टीम तय करेगी कि उनसे पूछताछ को लेकर आगे क्या करना है. शीर्ष हेफाजत नेताओं की संपत्ति के संबंध में रिकॉर्ड प्राप्त करने के लिए भूमि कार्यालय को एक पत्र भी भेजा गया है.

इससे पहले, ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस (डीएमपी) की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) ने कहा था कि उसने देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापक हिंसा फैलाने वाले कट्टरपंथी संगठन हेफाजत-ए-इस्लाम के दानदाताओं के रूप में इस साल मार्च में 313 लोगों की पहचान की है.

इसमें गिरफ्तार उग्रवादी नेता मामुनुल हक के बैंक खातों में 6 करोड़ टका का लेनदेन पाया गया. पुलिस अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि हेफाजत ने रोहिंग्या शरणार्थियों की सहायता के नाम पर, मदरसों के विकास और उनके छात्रों के कल्याण के लिए, और अपने स्वयं के फंड के लिए, बड़ी मात्रा में दान एकत्र किया था, ज्यादातर प्रवासियों से, लेकिन इस धन का अधिकांश हिस्सा हक के निजी काम औ उग्रवाद पर खर्च किया गया था.