नई दिल्ली. पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) को केंद्र द्वारा ‘आतंकवादी लिंक’ के लिए गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) के तहत उसे प्रतिबंधित कर दिया गया है. इसके एक दिन बाद उसके आधिकारिक ट्विटर अकाउंट को भारत में इस सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म द्वारा ‘कानूनी मांग के कारण’ रोक दिया गया है. सरकार ने कल आदेश दिया था कि प्रतिबंधित संगठन के ट्विटर, यूट्यूब चौनल, इंस्टाग्राम और फेसबुक अकाउंट सहित सभी सोशल मीडिया पर रोक लगा दी जाए.
गृह मंत्रालय (एमएचए) ने मंगलवार देर रात जारी एक अधिसूचना के माध्यम से संगठन पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की, जिसमें ‘पीएफआई और उसके सहयोगियों या मोर्चों को तत्काल प्रभाव से एक गैरकानूनी संघ के रूप में घोषित किया गया है’.
पीएफआई के साथ-साथ रिहैब इंडिया फाउंडेशन (आरआईएफ) सहित इसके मोर्चों कैंपस फ्रंट ऑफ इंडिया (सीएफआई), ऑल इंडिया इमाम काउंसिल (एआईआईसी), नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ), नेशनल विमेन फ्रंट, जूनियर फ्रंट, एम्पावर इंडिया फाउंडेशन और रिहैब फाउंडेशन, केरल पर भी प्रतिबंध लगाया गया है.
अधिसूचना में स्पष्ट रूप से उल्लेख किया गया है कि पीएफआई और उसके सहयोगियों या सहयोगियों या मोर्चों के खिलाफ गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त होने के लिए प्रतिबंध लगाया गया है, जो देश की अखंडता, संप्रभुता और सुरक्षा के लिए हानिकारक हैं और सार्वजनिक शांति और सांप्रदायिक सद्भाव को बिगाड़ने की क्षमता रखते हैं.