बलूचिस्तान. हजारों लोग बलूचिस्तान प्रांत के ग्वादर जिले में अनावश्यक चेक पोस्ट और मछली पकड़ने वाली नौकाओं के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और धरना दे रहे हैं.
एक्सप्रेस ट्रिब्यून के मुताबिक शनिवार को धरना तीसरे दिन में प्रवेश कर गया है. जमात-ए-इस्लामी बलूचिस्तान के प्रांतीय महासचिव मौलाना हिदायत-उर-रहमान ने स्थानीय लोगों द्वारा विरोध प्रदर्शन शुरू किया था. वे सभी अनावश्यक चौकियों को हटाने और क्षेत्र में गहरे समुद्र में मछली पकड़ने से रोकने की मांग करते हैं, क्योंकि इससे स्थानीय मछुआरों को भारी नुकसान हो रहा था.
पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत के मुख्यमंत्री जाम कमाल खान अयलानी द्वारा भेजा गया एक प्रतिनिधिमंडल खाली हाथ लौट आया, क्योंकि प्रदर्शनकारियों ने अपना विरोध समाप्त करने से इनकार कर दिया.
प्रदर्शनकारियों ने घोषणा की है कि जब तक सरकार इन मुद्दों का समाधान नहीं करती, तब तक धरना जारी रहेगा.
अगस्त में, पाकिस्तान के ग्वादर में सैकड़ों लोगों ने चीनी ट्रॉलरों द्वारा अवैध रूप से मछली पकड़ने के खिलाफ प्रदर्शन किया.
2015में, चीन ने पाकिस्तान में 46बिलियन अमरीकी डालर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा परियोजना की घोषणा की, जिसमें से बलूचिस्तान एक अभिन्न अंग है.
यह अरब सागर पर बलूचिस्तान में पाकिस्तान के दक्षिणी ग्वादर बंदरगाह को चीन के पश्चिमी शिनजियांग क्षेत्र से जोड़ेगा. इसमें चीन और मध्य पूर्व के बीच संपर्क में सुधार के लिए सड़क, रेल और तेल पाइपलाइन लिंक बनाने की योजना भी शामिल है.
बलूच लोगों ने प्रांत में चीन की बढ़ती भागीदारी का विरोध किया.
ब्च्म्ब् से बलूचिस्तान के लोगों को कोई फायदा नहीं हुआ है, जबकि अन्य प्रांतों के लोग इस मेगा प्रोजेक्ट का लाभ उठा रहे हैं. इसने व्यापक विरोध को जन्म दिया है, क्योंकि चीनी को अतिक्रमणकारियों के रूप में देखा जाता है, जो इस क्षेत्र से सारी संपत्ति को निचोड़ रहे हैं.