बाजवा ने नहीं मांगा सेवा विस्तार, 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगेः डीजी आईएसपीआर

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 14-04-2022
बाजवा ने नहीं मांगा सेवा विस्तार, 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगेः डीजी आईएसपीआर
बाजवा ने नहीं मांगा सेवा विस्तार, 29 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगेः डीजी आईएसपीआर

 

इस्लामाबाद. महानिदेशक इंटर-सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने गुरुवार को स्पष्ट रूप से कहा कि थल सेनाध्यक्ष जनरल कमर जावेद बाजवा विस्तार की मांग नहीं कर रहे हैं और न ही इसे स्वीकार करेंगे.

उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख इस साल नवंबर में अपना कार्यकाल पूरा करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘सेनाध्यक्ष न तो विस्तार की मांग कर रहे हैं और न ही वह विस्तार को स्वीकार करेंगे. कोई बात नहीं, वह 29 नवंबर 2022 को सेवानिवृत्त होंगे.’’

देश की राजनीति में सशस्त्र बलों की भूमिका के बारे में बात करते हुए, बाबर ने कहा कि सेना का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है और कहा कि संस्था ने भविष्य में भी गैर-राजनीतिक बने रहने का फैसला किया है.

सेना के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘हमारी भूमिका का वर्णन करने के लिए ‘तटस्थ’ से बेहतर शब्द ‘अराजनीतिक’ है.’’

‘‘यह निर्णय किसी को नुकसान पहुंचाने या लाभ के लिए नहीं लिया गया था. यह सशस्त्र बलों की संवैधानिक भूमिका है जिसे हम पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं.’’

‘‘पिछले कुछ दिनों के दौरान जो कुछ भी हुआ, वह संवैधानिक प्रक्रिया का हिस्सा नहीं है? किसी को एनआरओ की पेशकश करने के लिए यह सेना की जगह नहीं है.’’

अपनी सरकार को बाहर करने के लिए एक विदेशी साजिश के इमरान के दावे से संबंधित एक अन्य सवाल के जवाब में, डीजी ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की बैठक के बाद जारी बयान में ‘साजिश’ शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया था.

उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक एनएससी बैठक के बारे में सेना की प्रतिक्रिया की बात है, रुख पूरी तरह से दिया गया था और एक बयान जारी किया गया था जो स्पष्ट रूप से दिखाता है कि उस बैठक में क्या निष्कर्ष निकाला गया था.’’

जनरल बाबर ने कहा, ‘‘शब्द आपके सामने हैं, शब्द स्पष्ट हैं. क्या साजिश जैसे किसी शब्द का इस्तेमाल किया गया था? मुझे ऐसा नहीं लगता.’’ उन्होंने कहा कि सरकार चाहे तो एनएससी बैठक के मिनटों को सार्वजनिक कर सकती है.

जनरल बाबर ने इमरान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव से पहले विपक्षी दलों के साथ बैठक करने की अफवाहों को भी खारिज कर दिया. उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई सच्चाई नहीं है.’’ उन्होंने कहा कि इस तरह के कोई संपर्क नहीं थे और ‘कोई सौदा नहीं’ किया गया था.

संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा पाकिस्तानी क्षेत्र के भीतर परिचालन बेस और पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के ‘बिल्कुल नहीं’ के जवाब के बारे में एक सवाल का जवाब देते हुए, सैन्य प्रवक्ता ने स्पष्ट किया कि यदि ठिकानों के लिए कहा गया था, तो ‘सेना का रुख समान होगा.’

‘‘और वास्तव में, उन्होंने बेस भी नहीं मांगा और किसी भी स्तर पर इसका कोई उल्लेख नहीं किया गया.’’

 

9 अप्रैल की रात की घटनाओं और आसन्न मार्शल लॉ की अफवाहों के बारे में पूछे जाने पर, जनरल बाबर ने कहा कि उस समय ऐसा कुछ नहीं हो रहा था. ‘‘क्या आपके पास इसका कोई सबूत है? क्या अदालतें सेना के अधीन हैं? हमारी अदालतें स्वतंत्र हैं और अगर अदालतों में कुछ हुआ, तो यह उनकी अपनी कार्रवाई थी.’’

‘‘लोकतंत्र को मजबूत करना सभी का कर्तव्य है और हमारे लोकतंत्र की ताकत हमारी राष्ट्रीय संस्थाएं हैं. चाहे वह संसद, सर्वोच्च न्यायालय या सशस्त्र बल हो. पाकिस्तान लोकतंत्र के साथ प्रगति करेगा.’’

सैन्य प्रवक्ता ने कहा, ‘‘पाकिस्तान में एक और मार्शल लॉ कभी नहीं होगा.’’

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के शपथ ग्रहण समारोह में सेना प्रमुख की अनुपस्थिति के बारे में एक और अफवाह को खारिज करते हुए सेना के प्रवक्ता ने कहा कि जनरल बाजवा ‘ठीक नहीं’ थे.

‘‘उस दिन उनकी तबीयत ठीक नहीं थी और वह कार्यालय भी नहीं आए थे. यह एक सरल व्याख्या है और इसके अलावा और कुछ नहीं है.’’

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान की रूस यात्रा का जिक्र करते हुए जनरल बाबर ने कहा कि सेना मास्को जाने के फैसले के साथ थी और कहा कि ‘संस्थागत इनपुट’ था कि उन्हें जाना चाहिए. ‘‘यह किसी के बेतहाशा सपने में नहीं था कि वेयुद्ध शुरू करेंगे, जब प्रधानमंत्री वहां होंगे और यह स्पष्ट रूप से बहुत शर्मनाक था.’’