आवाज-द वॉयस / एजेंसी
बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमलों के बाद देश के दो शीर्ष मंत्रियों ने दो अलग-अलग बयान जारी किए हैं.
गृह मंत्री असदुल जमां खान ने रविवार को कहा कि दुर्गा पूजा के दौरान आयोजन स्थलों पर हमले पूर्व नियोजित थे और एक साजिश के तहत किए गए थे.
वहीं, सूचना राज्य मंत्री मुराद हसन ने कहा कि इस्लाम बांग्लादेश का राष्ट्रीय धर्म नहीं है और यह एक धर्मनिरपेक्ष देश है.
असद जमान खान ने कहा कि मंदिरों पर हमले का उद्देश्य बांग्लादेश में सांप्रदायिक सद्भाव को नष्ट करना था. बुधवार को कोमिला में एक हिंदू मंदिर में लोगों पर हमला किया गया. तब से ज्ञात और अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ सैकड़ों मामले दर्ज किए गए हैं.
यह पूछे जाने पर कि कोमिला हमला क्यों हुआ, मंत्री ने कहा कि सभी सबूत मिलने के बाद इसे सामने लाया जाएगा और सभी दोषियों को सजा दी जाएगी.
वहीं, बांग्लादेश के सूचना राज्य मंत्री मुराद हसन ने कहा कि बांग्लादेश एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र है और हम 1972 के संविधान का पालन करेंगे, जिन्हें राष्ट्रपिता और बांग्लादेश के राष्ट्रपति शेख मुजीबुर रहमान ने तैयार किया था.
बांग्लादेश कभी भी धार्मिक कट्टरपंथियों के लिए सुरक्षित पनाहगाह नहीं हो सकता.
बांग्लादेश के शेख मुजीबुर रहमान के सबसे छोटे बेटे शेख रसेल के 57वें जन्मदिन के अवसर पर इंस्टिट्यूट ऑफ इंजीनियर्स को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि इस्लाम हमारे देश का धर्म है. स्वतंत्रता हमारे खून में है.’
उन्होंने कहा, ‘मैं इस मुद्दे को संसद में उठाऊंगा.’
बांग्लादेश में हिंदू मंदिरों पर हमले 13 अक्टूबर को शुरू हुए जब अष्टमी के अवसर पर मूर्तियों के विसर्जन के दौरान कई पूजा मंडपों को तोड़ दिया गया. चटगांव के कोमिला इलाके में दरगाह स्थल पर हुए हमले में चार लोगों की मौत हो गई.
सोशल मीडिया पर अफवाह थी कि पूजा स्थल पर कुरान मिला है, जिसके बाद कई जगहों पर हिंसक घटनाएं हुईं. चांदपुर, चटगांव, गाजीपुर, बंदरबन, चौपिन वबगंज और मौलवी बाजार में कई पूजा पंडालों में तोड़फोड़ की गई.