अशरफ गनी 16.9 करोड़ डॉलर नकद लेकर भागे काबुल से, किया खंडन

Story by  मुकुंद मिश्रा | Published by  [email protected] | Date 19-08-2021
अशरफ गनी 16.9 करोड़ डॉलर नकद लेकर भागे काबुल से
अशरफ गनी 16.9 करोड़ डॉलर नकद लेकर भागे काबुल से

 

संजीव शर्मा /नई दिल्ली

ताजिकिस्तान में अफगानिस्तान के राजदूत मोहम्मद जहीर अगबर ने दावा किया है कि राष्ट्रपति अशरफ गनी जब अफगानिस्तान से भागे थे, तो वह अपने साथ 16.9 करोड़ डॉलर ले गए थे. उन्होंने कहा कि गनी को गिरफ्तार किया जाना चाहिए और अफगान राष्ट्र की संपत्ति को बहाल किया जाना चाहिए.उधर, अशरफ गनी ने इन आरोपों का खंडन किया है. उनका कहना है कि उनके लिए सबसे बड़ी दौलत किताबें हैं.

बुधवार को दुशांबे में एक संवाददाता सम्मेलन में अगबर ने गनी के भागने को राज्य और राष्ट्र के साथ विश्वासघात कहा और दावा किया कि उन्होंने अपने साथ 169 मिलियन डॉलर ले लिए थे. अगबर ने घोषणा की कि अशरफ गनी के पहले डिप्टी अमरुल्ला सालेह अब कानूनी रूप से अफगानिस्तान के राष्ट्रपति थे.

अगबर ने यूरेशियानेट के साथ एक साक्षात्कार में कहा, "अशरफ गनी ने अफगानिस्तान को तालिबान को सौंप दिया. हमारे पास 350,000 से अधिक सुसज्जित सैनिक, अनुभवी सैन्यकर्मी थे, और वे तालिबान से नहीं लड़े थे। हमने इसे अफगानिस्तान के उत्तरी क्षेत्रों में ताजिकिस्तान की सीमा से अधिक देखा.

यहां 20 से अधिक जिले हैं। और वे बिना किसी प्रतिरोध के तालिबान के पास चले गए." उन्होंने कहा, "मुझे लगता है कि गनी का तालिबान के साथ पूर्व समझौता था. उसके सिर में विश्वासघात की योजना पहले से ही थी। उसने अपने समर्थकों को छोड़ दिया और अफगानिस्तान के लोगों को धोखा दिया."

उन्होंने कहा, "मुझे नहीं लगता कि कोई भी सरकार अपने देश के आतंकवादियों के साथ अफगानिस्तान में रहने और तालिबान के संरक्षण में काम करने जा रही है. अफगानिस्तान ऐसा देश नहीं होना चाहिए जो पड़ोसी देशों के लिए खतरा हो." अगबर ने दावा किया, "और क्या है, अगर तालिबान पड़ोसी देशों के आतंकवादी समूहों को पनाहगाह प्रदान करता है, तो हम किस तरह की सीमा सुरक्षा के बारे में बात कर सकते हैं ?

इस समय तालिबान के बीच कई विदेशी आतंकवादी हैं." अमरुल्ला सालेह ने स्वयं घोषणा की थी कि संविधान के अनुसार, राष्ट्रपति की अनुपस्थिति में, उनके पलायन या मृत्यु, वह अफगानिस्तान के राष्ट्रपति पद के कार्यवाहक या प्रायोजक होंगे. तालिबान के काबुल में प्रवेश करने से पहले 15 अगस्त को गनी अफगानिस्तान से चले गए थे.

तालिबान, जो अफगानिस्तान के अधिकांश हिस्से को नियंत्रित करता है और सरकार बनाने की योजना बना रहा है, ने अभी तक अमरुल्ला सालेह और उनके समर्थकों के दावों का जवाब नहीं दिया है. मीडिया आउटलेट्स ने काबुल में रूसी दूतावास में राजनयिकों का हवाला देते हुए बताया कि अशरफ गनी अपने साथ करोड़ों डॉलर ले गए थे। गनी और उनके परिवार ने अभी तक इस मामले पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

किया आरोप का खंडन


इस बीच अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक प्रेस वार्ता में उन आरोपों का खंडन किया, जिसमंे अरबों डालर लेकर भागने की बात कही गई थी. उन्होंने काबुल छोड़ने की कहानी भी सुनाई. कहा कि उन्होंने अफगानिस्तान को दबाव में छोड़ दिया है.

रविवार को काबुल से रवाना होने से पहले उसने पूरी कहानी बताई और कहा कि दबाव में वह अफगानिस्तान से निकले हंै. एक कमरे से दूसरे कमरे में मुझे ढूंढ़ते हुए दुश्मन काबुल आ रहे थे. अभी अशरफ गनी और उनका परिवार अबू धाबी में है.

उन्होंने कहा कि कई नेता हमसे पहले अफगानिस्तान छोड़ गए. फिर वापस आए. मैंने काबुल को दबाव में छोड़ा.अशरफ गनी ने यह भी कहा कि मेरे जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति किताब है,. वह नहीं चाहते थे कि काबुल में खून-खराबा हो.

उन्होंने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि निराशा और हताशा की ये रातें जल्द खत्म होंगी . अफगानिस्तान एक बार फिर आजादी और विकास की ओर बढ़ेगा.अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति ने कहा कि वह तालिबान के साथ मिलकर सरकार बनाने का काम कर रहे हैं.अचानक दोपहर में मेरे सुरक्षाकर्मी आए और मुझे वहां से ले गए.

उन्होंने कहा, ‘‘तालिबान ने मुझे काबुल में प्रवेश नहीं करने के लिए कहा था. जब मैं राष्ट्रपति भवन से निकला, तो वे महल के द्वार के पास थे.‘‘

अशरफ गनी ने कहा कि मुझे अफगानिस्तान से बाहर निकाला गया ताकि कोई खूनखराबा न हो. मैं अपने लोगों के साथ हूं. मैं रक्तपात नहीं चाहता. उन्होंने कहा,‘‘आप सभी जानते हैं कि मैं सम्मान के साथ मरने से नहीं डरता.‘‘