सेना भी अवाम है, जवान-अधिकारी उसी दुकान से सामान खरीदते हैं जहां से बाकी लोगः पाक सेना प्रवक्ता मेज बाबर इफ्तिखार
आवाज द वाॅयस /नई दिल्ली
‘‘पाकिस्तानी सेना भी जनता से है और पाकिस्तानी सेना के जवान और अधिकारी भी उसी दुकान पर जाकर सामान खरीदते हैं जहां से बाकी लोग खरीदते हैं.’’ यह कहना है पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार का.
दरअसल, पाकिस्तानी सेना भी देश की बेलगाम महंगाई से त्रस्त है. बुधवार को जब एक प्रेस वार्ता में उनसे पत्रकारों ने देश में असहनीय महंगाई पर सवाल पूछा तो सेना का दर्द एक बार फिर उनकी जुबान पर छलक आया. इससे पहले भी पाकिस्तानी सेना देश में कुंलाचे मारती महंगाई पर अपनी चिंता प्रकट कर चुकी है.
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार बुधवार को अपनी लंबी प्रेस कॉन्फ्रेंस में राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े तमाम सवालों के विस्तृत जवाब दिए. नवाज शरीफ के साथ हुए सौदे को अटकलबाजी करार दिया.
टिप्पणी करने से बचते हुए उन्होंने इन्हें सरकार से संबंधित बताया. उन्होंने कहा, ‘सेना महंगाई से वाकिफ है.‘‘उन्होंने कहा,सेना को अर्थव्यवस्था के बारे में बात करने की जरूरत है.
उन्होंने राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को लेकर पूछे गए सवालों के स्पष्ट जवाब दिए.पत्रकार ने उनसे पूछा कि क्या पाकिस्तान की सेना देश में बढ़ती महंगाई और लोगों की समस्याओं पर नजर रख रही है और क्या सरकार के साथ बातचीत चल रही है ?
इसपर उन्होंने कहा, पाकिस्तानी सेना भी जनता से है. पाकिस्तानी सेना के जवान और अधिकारी भी उसी दुकान पर जाकर सामान खरीदते हैं जहां से बाकी लोग खरीदते हैं.
उन्होंने कहा कि इस संबंध में सेना द्वारा जो भी मदद की जा सकती है, वह दी जाती है. जो भी राय दी जा सकती है, वे भी देते हैं.उन्होंने कहा,आर्थिक दिक्कतों के बावजूद सशस्त्र बलों ने रक्षा बजट नहीं बढ़ाया.
अर्थव्यवस्था के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘इसमें कोई संदेह नहीं है कि अर्थव्यवस्था बहुत महत्वपूर्ण है. यह सब कुछ आगे बढ़ाती है. यह रक्षा में भी मदद करती है.
आर्थिक समस्याओं के बावजूद सशस्त्र बलों ने देश के संसाधनों को ध्यान में रखते हुए पिछले रक्षा बजट और इस साल मुद्रास्फीति के मामले में वृद्धि नहीं की है.
सी-पैक की गति के बारे में पूछे जाने पर, उन्होंने कहा कि ‘‘पाकिस्तान सेना सी-पैक पर पूरी सुरक्षा प्रदान करती है. सी-पैक परियोजनाओं को तेजी से पूरा किया जा रहा है.‘‘,
हालांकि, उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि यह बात पैक प्राधिकरण से पूछा जाना चाहिए. ओआईसी सम्मेलन को सफल बताते हुए उन्होंने कहा, ‘‘विदेशी मामलों से जुड़े सवालों का जवाब सिर्फ विदेश कार्यालय ही दे सकता है.‘‘
यह पहली बार नहीं है जब किसी सैन्य प्रवक्ता ने देश की अर्थव्यवस्था के बारे में बात की है. इससे पहले अक्टूबर 2017 में जब मेजर जनरल आसिफ गफूर डीजी आईएसपीआर थे और पीएमएल-एन सरकार सत्ता में थी, तब अर्थव्यवस्था को लेकर उनका बयान भी चर्चा में था.
पाकिस्तानी सेना के तत्कालीन प्रवक्ता आसिफ गफूर ने एक निजी टीवी चैनल से कहा कि ‘‘सुरक्षा और अर्थव्यवस्था साथ-साथ चलती है. ‘‘पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था खराब नहीं है, यह अच्छी नहीं है.‘‘
उन्होंने कहा कि अगर देश में सुरक्षा की स्थिति अच्छी नहीं है तो इसका अर्थव्यवस्था पर असर पड़ेगा.अगर अर्थव्यवस्था खराब है तो सुरक्षा पर भी असर पड़ेगा.
उन्होंने कहा,‘‘सेना सरकार के आदेश के अनुसार काम करती है.‘‘
अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में डीजी आईएसपीआर मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ‘‘अल्हम्दुलिल्लाह, नागरिक-सैन्य संबंधों में कोई समस्या नहीं है.
सेना सरकार का एक अधीनस्थ निकाय है. उसके आदेशों के अनुसार कार्य करती है, ‘‘. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में अन्य महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर चर्चा करने की आवश्यकता है जैसे स्वास्थ्य, शिक्षा, बुनियादी ढांचा, जनसंख्या वृद्धि और कृषि.