ओटावा. तिब्बती राष्ट्रीय विद्रोह की 63वीं वर्षगांठ के अवसर पर 10मार्च को दर्जनों तिब्बती और अन्य समुदायों के समर्थक ओटावा में चीनी दूतावास के सामने एकत्र हुए और जोरदार प्रदर्शन किया.
विरोध ने तिब्बती भाषा, संस्कृति और धर्म पर शी जिनपिंग के युद्ध को समाप्त करने का आह्वान किया. प्रदर्शनकारियों ने तिब्बत पर चीन के अवैध कब्जे की निंदा की और तिब्बतियों के जबरन गायब होने का मुद्दा उठाया.
10मार्च पूरी दुनिया में तिब्बती लोगों के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है.
आज ही के दिन 1959में तिब्बतियों ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा अपनी मातृभूमि पर जबरन कब्जा किए जाने के खिलाफ विद्रोह किया था.
1959 में तिब्बती विद्रोह राजधानी ल्हासा में चीनियों के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शनों के एक सहज कार्य के रूप में शुरू हुआ, जो बाद में हिंसक हो गया, जिसमें पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) के सैनिकों द्वारा हजारों तिब्बतियों को मार डाला गया.