ईद पर अखुंदजादा ने अफगानिस्तान में इस्लामी कानून लागू करने की खाई कसम

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 10-07-2022
हेबतुल्ला अखुंदजादा
हेबतुल्ला अखुंदजादा

 

काबुल. तालिबान के सर्वोच्च नेता हेबतुल्ला अखुंदजादा ने पूरे अफगानिस्तान में इस्लामी कानून लागू करने की कसम खाई है. टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, कंधार में ईद-गाह मस्जिद में ईद की नमाज से रिकॉर्ड किए गए ऑडियो में, अखुंदजादा ने दोहराया कि जो कानून पिछली सरकार में शरिया पर आधारित नहीं थे, उन्हें ध्वस्त कर दिया जाएगा.

अखुंदजादा ने संदेश में कहा, ‘‘मैंने अशरफ गनी और करजई की सरकारों के दौरान या पिछले 20 वर्षों के दौरान बनाई गई सभी मंत्रालयों की प्रक्रियाओं और नीतियों के बारे में पूछा है, जो अब मौलवियों की निगरानी में हैं, अगर शरिया या लोगों के हितों के खिलाफ कुछ भी था, इसे हटा दिया जाएगा और हम एक शुद्ध इस्लामी व्यवस्था लाएंगे.’’

टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, तालिबान के प्रधानमंत्री मुल्ला मोहम्मद हसन अखुंद ने विदेशों में रहने वाले अफगानों को वर्तमान अफगान सरकार के विरोध को त्यागने और इस्लामिक अमीरात द्वारा घोषित सामान्य माफी का लाभ उठाने के लिए बुलाया.

उन्होंने कहा, ‘‘आप क्या चाहते हैं, आपके लिए एक कमीशन की सुविधा दी गई है. आप इस दुनिया को क्यों तोड़ना चाहते हैं ...? आप क्या चाहते हैं?’’

हालांकि विश्लेषकों का कहना है कि तालिबान अपनी बयानबाजी पर कायम नहीं रह पाया है.

एक राजनीतिक विश्लेषक जाविद सैंडेल ने कहा, ‘‘अंतरराष्ट्रीय समुदाय इस शर्त पर इस्लामी सरकार के खिलाफ नहीं है कि यह एक इस्लामी सरकार होगी और एक विधायी सरकार लाएगी. अब तक, यह केवल शब्द रहा है. तालिबान एक उचित तंत्र, या एक राष्ट्रीय तंत्र या लोगों या लोगों की सरकार द्वारा पुष्टि की गई सरकार नहीं बना सका.’’

इससे पहले, अखुंदजादा ने विदेशियों को अफगानिस्तान के मामलों और राजनीति में दखल देना बंद करने की चेतावनी दी थी.

सीएनएन ने स्थानीय मीडिया के हवाले से बताया कि काबुल में एक कार्यक्रम में, समावेशी नेता ने सम्मेलन में कहा कि अफगानिस्तान ‘स्वतंत्र हुए बिना विकसित नहीं हो सकता है.’

अखुंदजादा ने कहा, ‘‘अल्लाह का शुक्र है, अब हम एक स्वतंत्र देश हैं. (विदेशियों को) हमें अपना आदेश नहीं देना चाहिए, यह हमारी प्रणाली है, और हमारे अपने फैसले हैं.’’

भाषण में, अखुंदजादा ने पिछले अगस्त में तालिबान के अफगानिस्तान के अधिग्रहण की प्रशंसा की, लगभग दो दशक बादए जब उन्हें अमेरिकी सैनिकों द्वारा काबुल से खदेड़ दिया गया था, यह कहते हुएरू कि ‘अफगान जिहाद की सफलता न केवल अफगानों के लिए, बल्कि दुनिया भर में मुसलमानों के लिए भी गर्व का स्रोत है.’

सीएनएन ने स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के हवाले से कहा कि अखुंदजादा ने 3,000 उपस्थित लोगों की तीन दिवसीय धार्मिक सभा के दौरान एक ऑडियो रिकॉर्डिंग में टिप्पणी की, जिनमें से सभी पुरुष थे.

अखुंदजादा द्वारा दिए गए बयान तालिबान के नेतृत्व के अन्य सदस्यों द्वारा हाल के महीनों में दिए गए बयानों का खंडन करते हैं, जिन्होंने अंतरराष्ट्रीय समर्थन हासिल करने के लिए एक अधिक समावेशी सरकार के लिए खुलापन व्यक्त किया है.

अफगानिस्तान में तालिबान की फिर से स्थापना के ग्यारह महीने बाद, तीन दिवसीय सभा जो गुरुवार को शुरू हुई और शनिवार को संपन्न हुई, देश में इस्लामिक मौलवियों की पहली राष्ट्रव्यापी सभा थी.

नागरिक समाजों ने जिरगा के महिलाओं पर प्रतिबंध लगाने के फैसले की कड़ी निंदा की है और महिलाओं की अनुपस्थिति में सभा को नाजायज बताया है.