नई दिल्ली. कुछ फुटेज में अफगानों के बड़े पैमाने पर अपने देश से पश्चिम की ओर पलायन करने की वास्तविक तस्वीरें सामने आई हैं, जिनमें वे पैदल ही रेगिस्तान को पार करते देखे जा रहे हैं.
यह जानकारी डेली मेल की एक रिपोर्ट में दी गई है.
रेगिस्तान में बड़े पैमाने पर प्रवास के ये दृश्य लगभग वैसे ही दिखते हैं, जैसे बाइबिल में वर्णित हैं. ये दृश्य उसे जगह के हैं, जहां अफगानिस्तान, पाकिस्तान और ईरान की सीमाएं मिलती हैं. वहां पहाड़ों के बीच बहने वाली एक अंतहीन नदी भी दिखती है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि इन पुरुषों, महिलाओं और बच्चों के लिए उनका शुरुआती ठिकाना तुर्की हो सकता है, जो ईरान से 1,000 मील से अधिक दूर है, और वहां से उनमें से कई यूरोप और ब्रिटेन जाने की उम्मीद करेंगे.
एक प्रवासी, जिसने हाल ही में यात्रा की थी, उसने कहा कि चार घंटे की यात्रा के अंत में उबड़-खाबड़ इलाके से गुजरना होता है. अफगान शरणार्थी पाकिस्तान के एक हिस्से से गुजरने के बाद ईरानी तस्करों के साथ अपनी यात्रा जारी रखते हैं.
उन्होंने कहा, “ये सबसे गरीब लोग हैं, जिनकी पैदल चलना मजबूरी है, क्योंकि ऐसे तरीके, जिनमें कम चलना पड़ता है, उसकी लागत ज्यादा है.”
अफगानों की यात्रा अफगानिस्तान के सबसे कम आबादी वाले निर्जन निमरोज प्रांत में शुरू हुई, जो बड़े पैमाने पर रेगिस्तान और पहाड़ों से ढका हुआ है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि फुटेज में मानव कारवां इतना लंबा है, जहां तक आंखें देख सकती हैं, वहां तक लोगों के कुछ अस्पष्ट शब्द और बकरियों के झुंड से मिमियाने की आवाज सुनी जा सकती है.