अफगानिस्तानः काबुल के बजाय कंधार बन सकती है राजधानी

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 23-08-2021
तालिबान का नया फैसला
तालिबान का नया फैसला

 

काबुल. काबुल अब राजधानी नहीं रहेगी और कंधार को यह सम्मान मिलेगा. यह तालिबान की योजना है.

अफगान तालिबान के नेता और सांस्कृतिक आयोग के सदस्य अब्दुल कहर बल्खी का कहना है कि राजनीतिक सरकार बनने के साथ ही काबुल को देश की राजधानी बनाए रखने या तालिबान समूह की जन्मस्थली कंधार देने की बात हो रही है.

उन्होंने रविवार को अल जजीरा टीवी के साथ एक साक्षात्कार में ये विचार व्यक्त किए.

उन्होंने राजनीतिक सरकार का जिक्र करते हुए कहा कि विचार-विमर्श चल रहा है और निश्चित रूप से सभी दलों को व्यवस्था में शामिल किया जाएगा.

उनके अनुसार, “हम बात कर रहे हैं और हमारे बीच एक रिश्ता है. सुरक्षा व्यवस्था के संबंध में हमारे अमेरिकियों के साथ संबंध हैं. चौकियां हमारे नियंत्रण में हैं और आंतरिक चौकियां अमेरिकी सेना के नियंत्रण में हैं और वे लगातार एक-दूसरे के संपर्क में हैं.”

हवाई अड्डों विशेष रूप से काबुल हवाई अड्डे पर हाल की घटनाओं पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “इस समय लोग जिस तरह से हवाई अड्डे की ओर भाग रहे हैं, यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है.”

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि स्थिति बहुत बेहतर होनी चाहिए थी, क्योंकि हमने सभी के लिए सामान्य माफी की घोषणा की है. सुरक्षा बलों के लिए ऊपर से नीचे तक भय और उत्तेजना का माहौल निराधार है.”

अफगान तालिबान नेता अब्दुल कहर बल्खी ने कहा, “स्थिति इतनी तेजी से बदली है कि हर कोई हैरान है.”

उन्होंने कहा कि जब हमने काबुल में प्रवेश किया, तो इसकी पहले से योजना नहीं थी, क्योंकि हमने शुरू में घोषणा की थी कि हम काबुल में प्रवेश नहीं करना चाहते हैं.

उन्होंने कहा कि हम काबुल में प्रवेश करने से पहले एक राजनीतिक समझौता और गठबंधन सरकार चाहते थे, लेकिन सुरक्षा बल चले गए.

अब्दुल कहर बल्खी ने अल जजीरा टीवी को बताया, “हमें अपनी सेना को काबुल में प्रवेश करने के लिए कहने के लिए मजबूर किया गया.”

महिलाओं के अधिकारों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि “महिलाओं के अधिकारों के बारे में कोई अस्पष्टता नहीं है. न केवल महिलाओं के अधिकारों में, बल्कि पुरुषों और बच्चों के अधिकारों में भी कोई अस्पष्टता नहीं है. हम वर्तमान में एक ऐसी स्थिति का सामना कर रहे हैं, जिसे हमें उम्मीद है कि परामर्श के दौरान स्पष्ट किया जाएगा.”

उन्होंने कहा, “हमारी पहली प्राथमिकता हमारे रैंकों में अनुशासन है, दूसरों पर कानून लागू नहीं करना, बल्कि पहले खुद पर कानून लागू करना और फिर बाकी समाज के लिए एक उदाहरण स्थापित करना.”

पहले तालिबान पर कार्रवाई

उनके मुताबिक सबसे पहले हमारी और हमारे सदस्यों की बारी है और अगर वे किसी कार्रवाई में संलिप्त पाए जाते हैं, तो पहले उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

अब्दुल काहर बल्खी का कहना है कि उन्हें नहीं लगता कि लोग तालिबान को आतंकवादी मानते हैं. उनके अनुसार, आतंकवाद के खिलाफ युद्ध केवल संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा गढ़ा गया एक शब्द था और जो सहमत नहीं थे उन्हें आतंकवादी घोषित कर दिया गया था.