तालिबान ने अफगान महिलाओं के सिगरेट पीने का दिया हराम करार

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 15-07-2021
तालिबान के दमन की शुरुआत
तालिबान के दमन की शुरुआत

 

काबुल. अमेरिकी सेना ने तो अपना बिस्तर गोल किया और अफगानिस्तान से उड़ान भर ली, लेकिन अब तालिबान ने खाली मैदान में पांव पसारना शुरू कर दिया है. भय का माहौल बनाया जा रहा है. तालिबान के सख्त दौर से लोग डरने लगे हैं. तालिबान ने भी अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया है. अमेरिकी सैनिकों के देश छोड़ने और अफगान सेना के कमजोर दिखने के साथ, तालिबान ने पुराने तरीकों को अपनाना शुरू कर दिया है. अब, तालिबान द्वारा अफगानिस्तान के उत्तरी जिले पर नियंत्रण करने के कुछ ही दिनों बाद, स्थानीय मस्जिदों के इमामों को एक पत्र जारी कर महिलाओं को अपना घर छोड़ने और धूम्रपान पर प्रतिबंध लगाने का आदेश दिया है.

नाटो फौजों की निकासी के बाद से, तालिबान ने प्रमुख सीमाओं और कई जिलों पर नियंत्रण हासिल कर लिया है, लेकिन कुछ जिलों में स्थानीय कमांडरों द्वारा महिलाओं और नागरिकों पर सख्त प्रतिबंध लगाने की खबरें आई हैं. तालिबान ने अपने कानूनों को लागू करना शुरू कर दिया है. अफगान लोगों पर सख्ती हो रही है और अब लोगों में काफी डर और दहशत है.

उत्तरी क्षेत्र में सीमा शुल्क पोस्ट शेर खान बंदर के नियंत्रण के बाद महिलाओं को अकेले बाहर जाने और धूम्रपान करने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है. स्थानीय मस्जिदों के इमामों को लिखे एक पत्र में प्रतिबंध का आदेश दिया गया था.

स्थानीय तालिबान कमांडर के पत्र ने चेतावनी दी कि आदेशों का उल्लंघन करने वालों से सख्ती से निपटा जाएगा.

मस्जिद के इमाम ने अपने धर्मोपदेश में नागरिकों को इस फैसले की जानकारी दी, तो कुछ मस्जिदों में लाउडस्पीकर का भी इस्तेमाल किया गया.

एक महिला ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि हमारे गांव में कई महिलाएं और लड़कियां सिलाई, कढ़ाई और जूते बनाती थीं, लेकिन अब डरती हैं.

महिला ने कहा कि तालिबान ने शेर खान बंदर पर कब्जा करने के बाद महिलाओं को बाहर जाने से रोक दिया था.

रोजगार के माध्यम से अपने बच्चों की देखभाल करने वाली महिलाएं इस प्रतिबंध से गंभीर रूप से पीड़ित हैं.

इसी तरह एक गांव में दाढ़ी और लड़कों को लाल और चमकीले रंग के कपड़े पहनने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है, जबकि पुरुषों को बाहर जाने पर पगड़ी पहनने पर रोक लगा दी गई है.

कम उम्र लड़कियों और विधवाओं की लिस्ट बनाओ

तालिबान ने भी इस सप्ताह सोशल मीडिया पर एक बयान जारी कर ग्रामीणों से अपनी बेटियों और विधवाओं की शादी तालिबान से कराने का आग्रह करते हुए कहा कि प्रभावित इलाकों में तालिबान मस्जिद के जो इमाम 15साल से अधिक समय से सत्ता में हैं, वो 15 साल से ज्यादा उम्र की लड़कियों और 45 साल से कम उम्र की विधवाओं की फेहरिश्त उपलबध करवाएं.

अनाम तालिबान द्वारा जारी किए गए बयान का तालिबान प्रवक्ता ने खंडन या पुष्टि नहीं की, लेकिन अफगानिस्तान में तालिबान के प्रवक्ता डॉ. नईम ने अपने बयान में कहा कि तालिबान की जीत से डरने वालों के दिमाग स्वनिर्मित और भ्रामक थे. तस्वीरें, वीडियो और पत्र से तालिबान से कोई लेना-देना नहीं है.

विजय प्राप्त क्षेत्रों के निवासियों को संबोधित करते हुए डॉ. नईम ने कहा कि उन्हें शांत रहना चाहिए, डरना नहीं चाहिए. तालिबान केवल विदेशी सैनिकों के लिए खतरा थे और रहेंगे. प्रवक्ता जबीहुल्लाह मुजाहिद ने भी भ्रामक सामग्री को निराधार बताया.

दोहा में संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ शांति समझौते के बाद से विभिन्न साक्षात्कारों में, तालिबान के प्रवक्ता सोहेल शाहीन ने महिलाओं को सभी अधिकारों का आश्वासन दिया है और अन्य तालिबान नेताओं ने जोर देकर कहा है कि इस बार, अतीत के विपरीत, तालिबान सरकार में महिलाओं को किसी भी समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा.