यास्मीन जानः कश्मीर में नारी सशक्तीकरण की मिसाल, कर रहीं ड्राई फ्रूट्स का कारोबार

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 03-12-2022
यास्मीन जानः कश्मीर में नारी सशक्तीकरण की मिसाल, कर रहीं ड्राई फ्रूट्स का कारोबार
यास्मीन जानः कश्मीर में नारी सशक्तीकरण की मिसाल, कर रहीं ड्राई फ्रूट्स का कारोबार

 

पुलवामा. दक्षिण कश्मीर में त्राल क्षेत्र के एक दूरस्थ गांव ऑरिगुंड की एक महिला यास्मीन जान, जेकेएनआरएलएम योजना द्वारा त्राल में पहली ड्राई फ्रूट विक्रेता बन गई हैं. महिला उद्यमी ने जेके उम्मेद फूड्स की स्थापना की है, जो सूखे मेवों, मसालों और दालों का एक थोक स्टोर है, जो क्षेत्र और उससे बाहर के विक्रेताओं को अखरोट, बादाम और अन्य मसाले और दालों की आपूर्ति करता है.

सरकार ने शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं को सशक्त बनाने के लिए कई उपाय किए हैं, ताकि महिलाएं स्वरोजगार बनकर बेहतर जीवन जी सकें. जम्मू और कश्मीर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (जेकेएनआरएलएम) एक ऐसी योजना है, जिसका उद्देश्य गरीबों के लिए मजबूत जमीनी संस्थान बनाकर, उन्हें आजीविका के अवसरों में शामिल करके और उनकी आय में स्थायी सुधार सुनिश्चित करके गरीबी को कम करना है. देश में एनआरएलएम योजना की शुरुआत जून 2011 में की गई है. हालांकि सरकार ने साल 2019 के बाद इस योजना को घर-घर पहुंचाने के लिए बड़े पैमाने पर अभियान चलाया. इसके प्रभावी परिणाम मिल रहे हैं और हर पंचायत में महिलाएं अलग-अलग समूह बनाकर इस योजना को बेहतर ढंग से अपना रही हैं. दही महिलाएं, जिन्हें गांवों में घर का काम करना पड़ता था और धीरे-धीरे स्वरोजगारी बन गई और छोटी-छोटी व्यावसायिक इकाइयां स्थापित करना शुरू कर दिया.

इस योजना की लाभार्थी यास्मीन ने कहा कि वह त्राल में सूखे मेवों और मसालों के व्यापार में उतरने वाली ‘पहली’ महिला हैं. अब वह अपना व्यवसाय बढ़ाना चाहती हैं और विभिन्न प्रकार के अचार बनाने के लिए एक खाद्य प्रसंस्करण इकाई जोड़ना चाहती हैं.

उन्होंने कहा, ‘‘मैंने यह व्यवसाय शुरू किया है और एक सेल्समैन की मदद से यहाँ निर्मित उत्पादों को दुकानदारों तक पहुँचाती हूँ. दुकानदारों और अन्य लोगों के सकारात्मक रवैये ने मुझे अपने व्यवसाय के विस्तार के बारे में सोचने पर मजबूर किया है. अब मैं अलग-अलग वस्तुओं सहित अचार के प्रकार और अधिक आइटम बनाना चाहती हूँ.’’

उन्होंने कहा कि बहुत से लोग उनके व्यवसाय के बारे में नहीं जानते हैं और वह सोशल मीडिया के माध्यम से अधिक लोगों तक पहुंचने की कोशिश कर रही है. उन्होंने कहा, ‘‘व्हाट्सएप समूह, स्टेटस और इंस्टाग्राम वर्तमान में यहां काम कर रहे हैं. मुझे उम्मीद है कि अगर कोई बेहतर विज्ञापन है, तो बहुत अधिक विकास की संभावना है.’’

यास्मीन मूल रूप से श्रीनगर शहर के सौरा इलाके से ताल्लुक रखती हैं और ऑरिगंड गांव में उनकी शादी हुई है. उन्होंने बताया कि उन्होंने अपने पिता से मार्केटिंग कौशल सीखा और अपने व्यवसाय में ज्ञान का उपयोग किया. उनके पति और ससुराल वालों ने उसे व्यवसाय स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया.

उसने कहा, ‘‘मैंने जम्मू कश्मीर राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से अपने व्यवसाय के पंजीकरण के लिए आवेदन किया था जिसके तहत मुझे वित्तीय सहायता मिली.’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने ऋण के लिए आवेदन किया है ताकि मैं खाद्य प्रसंस्करण के लिए मशीनरी खरीद सकूं.’’

विशेष रूप से, जम्मू और कश्मीर ग्रामीण आजीविका मिशन और ई-कॉमर्स कंपनी ‘मीशो’ ने 18,000 स्वयं सहायता समूहों का समर्थन करने और उनके व्यवसायों को बढ़ावा देने के लिए एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए.