रियाद. सऊदी न्यायविद नायेफ अल-मानसी ने कहा कि सऊदी अरब में तलाक के मामलों की संख्या में कमी नहीं आई है, बल्कि कुछ समय से तलाक के आवेदनों की संख्या में वृद्धि हुई है.
सबक न्यूज के मुताबिक फैमिली लॉ एक्सपर्ट नायफ अल मानसी ने सऊदी टीवी अल-अखबरिया के कार्यक्रम ‘120’ पर बात करते हुए कहा कि यह सच है कि राज्य में तलाक के मामलों में कमी नहीं आई है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ समय से देश की पारिवारिक अदालतों में दायर याचिकाओं की संख्या में इजाफा हुआ है.
एक सवाल के जवाब में सऊदी न्यायविद ने कहा कि खुला के कारण अलग-अलग हैं, जिनमें मनोवैज्ञानिक मुद्दे और शरिया मुद्दे शामिल हैं. दोनों को अलग-अलग देखा जाना चाहिए. द क्रिश्चियन साइंस मॉनिटर के वाशिंगटन ब्यूरो के प्रमुख डेविड कुक ने कहा कि शरिया मामलों में पति द्वारा गुजारा भत्ता का भुगतान न करना, पत्नी के साथ अनैतिक व्यवहार, नशा करना आदि शामिल हैं. इन मामलों में, महिला तलाक के लिए केस फाइल करने के लिए अधिकृत है.
मनोवैज्ञानिक डॉ. ओसामा ने कहा कि ‘तलाक की बढ़ती दर के कई कारण हैं, जिनमें से सबसे महत्वपूर्ण पार्टियों के बीच सामंजस्य की कमी और असहिष्णुता है.’
मनोवैज्ञानिकों के अनुसार, असहिष्णुता पारिवारिक मामलों को नष्ट कर देती है. पार्टियों को एक-दूसरे को समझना चाहिए और अपनी जिम्मेदारियों को पूरा करना चाहिए. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि सामाजिक असहिष्णुता और वर्ग संघर्ष के अलावा, आर्थिक समस्याओं का बोझ भी घरेलू मामलों को चरम पर ले जाने का एक मुख्य कारण है.