महिला बस ड्राइवर नाजिना बेगम को स्टेयरिंग पर देख लोग रह जाते हैं दंग

Story by  राकेश चौरासिया | Published by  [email protected] | Date 15-11-2021
महिला बस ड्राइवर नाजिना बेगम
महिला बस ड्राइवर नाजिना बेगम

 

आवाज-द वॉयस / हैदराबाद

एक महिला देश का नेतृत्व कर सकती है, तो वह बस भी चला सकती है. आजकल महिलाएं हर क्षेत्र में पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर आगे बढ़ रही हैं और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर रही हैं. भारी ड्राइविंग आमतौर पर पुरुषों द्वारा की जाती है, लेकिन आज महिलाएं भी भारी ड्राइविंग और ट्रैक्टर, ट्रक, टैक्सी और बस चलाने में शामिल हो रही हैं.

आंध्र प्रदेश के कडप्पा जिले की मुस्लिम महिला नाजिना बेगम कुशलता से सड़कों पर बस चला रही हैं.

राज्य सार्वजनिक परिवहन विभाग (आरटीसी) के अधिकारी भारी वाहन चलाने के लिए प्रशिक्षण कक्षाएं संचालित कर रहे हैं, जहां कडप्पा जिले की नाजिना बेगम प्रशिक्षण ले रही हैं. नाजिना बेगम ने अपनी ट्रेनिंग के दौरान कडप्पा की सड़कों पर बस चलाकर सबको चौंका दिया है. नाजिना बेगम कडपा के इतिहास में बस चलाने वाली पहली मुस्लिम महिला हैं. वह पूरे हिजाब में प्रशिक्षण कक्षाओं में भाग लेती है और बुर्का में बस चलाती है.

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नाजिना बेगम उच्च शिक्षित  

नाजिना बेगम के पास अंग्रेजी में पोस्ट ग्रेजुएशन की डिग्री है. वह एक सफल बी.एड भी हैं. उनके पति शेख मुहम्मद ख्वाजा एलियास एम. काम हैं और एक चिकित्सा प्रतिनिधि के रूप में सेवारत हैं. दंपति का एक बेटा और दो जुड़वां लड़कियां हैं. नाजिना बेगम ने एसवी डिग्री कॉलेज, कडप्पा में अंग्रेजी में लेक्चरर के रूप में भी काम किया है. वह परिवार की आर्थिक तंगी से निपटने के लिए संघर्ष कर रही हैं. साथ ही अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए सरकारी नौकरी की तलाश कर रही हैं.

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सरकारी नौकरी पाने की चाहत

नाजिना बेगम ने सरकारी नौकरी को अपने जीवन का उद्देश्य बना लिया है और इसे हासिल करने के लिए वह कड़ी मेहनत कर रही हैं. नाजिना बेगम ने शिक्षण पेशे में शामिल होने के लिए दो बार डीएससी परीक्षा भी दी. नाजिना बेगम का विषय सामाजिक विज्ञान है और इसमें काफी प्रतिस्पर्धा है. जब नाजिना बेगम को पता चला कि आरटीसी में महिला ड्राइवरों की जरूरत है, तो उन्होंने सरकारी नौकरी पाने के लिए बस का स्टीयरिंग व्हील लेने का फैसला किया और प्रशिक्षण ले रही थी.

बस ड्राइविंग प्रशिक्षण

नजीना बेगम को 32दिन की ट्रेनिंग क्लासेस के लिए ड्राइविंग स्कूल में एडमिशन मिल गया है. नाजिना बेगम ने प्रशिक्षण के लिए 23,600रुपये का भुगतान किया है. वह पिछले 15दिनों से पाबंदियों के साथ ट्रेनिंग कर रही हैं. बस संचालन के लिए आरटीसी विभाग 16लोगों को प्रशिक्षण दे रहा है, जिसमें नजीना बेगम अकेली महिला हैं.

कडप्पा की एक गैर-मुस्लिम महिला माला श्री ने पहले प्रशिक्षण पूरा किया था और अब वह एक ड्राइविंग स्कूल चला रही हैं. प्रमाण पत्र के अलावा, उम्मीदवारों को प्रशिक्षण पूरा होने पर भारी वाहन चलाने का लाइसेंस भी दिया जाता है.

 

प्रशिक्षकों शेख जब्बार और बाबू ने नाजिना बेगम की प्रशंसा की और कहा कि नाजिना बेगम बेहतर प्रशिक्षण प्राप्त कर रही है और कौशल के साथ बस चला रही हैं. उन्होंने कहा कि नजीना बेगम ने केवल दस दिनों के प्रशिक्षण के दौरान अपने कौशल का पूरी तरह से प्रदर्शन किया है और आसानी से बस चला रही हैं.

आवाज-द-वॉयस से बात करते हुए नाजिना बेगम ने कहा कि वह अपने परिवार की बेहतरी के लिए सरकारी सेवा में शामिल होना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि वह सरकारी नौकरी पाने के लिए बस चलाने की ट्रेनिंग ले रही थीं. नजीना बेगम ने कहा कि 1999से महिला बस चालकों की संपत्तियां आरटीसी में आवंटित की जा रही हैं. इसलिए वह सरकारी नौकरी पाने के लिए आसानी से बस चलाने का प्रशिक्षण ले रही है और उसे उम्मीद है कि बस चालक के रूप में उसे सरकारी नौकरी मिल जाएगी.

नाजिना बेगम ने कहा कि वह उच्च शिक्षित हैं और एक बार जब वह किसी भी सरकारी विभाग में शामिल हो जाती हैं, तो उन्हें विभागीय परीक्षाओं में भाग लेकर उच्च पदों तक पहुंच प्राप्त होगी. उनका कहना है कि वह अपने जीवन साथी के प्रोत्साहन और समर्थन के कारण ही आगे बढ़ रही हैं. नाजिना बेगम ने कहा कि ट्रेनिंग पूरी करने और भारी लाइसेंस हासिल करने के बाद वह आरटीसी में बतौर ड्राइवर काम जरूर करेंगी.

नाजिना बेगम के पति शेख मोहम्मद ख्वाजा इलियास ने कहा कि कोई भी काम मुश्किल तो होता है, लेकिन नामुमकिन नहीं. उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत से लक्ष्य हासिल किया जा सकता है. उन्होंने कहा कि नाजिना बेगम चतुराई से चार पहिया वाहन चलाती हैं और अब वह प्रशिक्षण के दौरान आसानी से बस चला रही हैं.

ख्वाजा इलियास ने कहा कि 2008 में नाजिना बेगम से शादी के बाद से ही वह अपनी पत्नी को शिक्षा और रोजगार दिलाने के लिए मार्गदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हालांकि उन्हें सरकारी नौकरी नहीं मिली, लेकिन उनकी पत्नी को सरकारी नौकरी जरूर मिलेगी.