ओलंपिकः कांस्य के लिए शानदार खेला महिला हाॅकी खिलाड़ियों ने

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 06-08-2021
ओलंपिकः कांस्य के लिए शानदार खेला महिला हाॅकी खिलाड़ियों ने
ओलंपिकः कांस्य के लिए शानदार खेला महिला हाॅकी खिलाड़ियों ने

 

आवाज द वाॅयस / टोक्या

ओलंपिक के महिला हाॅकी के कांस्य पदक के लिए हुए मुकाबले में भारत का प्रदर्शन बेहद सराहनीय रहा. मैच के एक बड़े हिस्से मंे लाल और पीला कार्ड के कारण दस खिलाड़ियों से खेल रहे भारत ने अपने प्रतिद्वंदी को कड़ी टक्कर दी.

इस तरह संघर्षपूर्ण मुकाबले में भारत की महिला हॉकी टीम कांस्य पदक के मुकाबले में ग्रेट ब्रिटेन के हाथों 3-4से हार गई. साल 2016के रियो ओलंपिक में स्वर्ण जीतने वाली ब्रिटिश टीम ने अपने आठवें ओलंपिक में तीसरी बार कांस्य पदक जीता है.

ओई हॉकी स्टेडियम नार्थ पिच पर हुए इस मैच में कई बार उतार-चढ़ाव देखने को मिला. अपना तीसरा ओलंपिक खेल रहा भारत एक समय 0-2से पीछे चल रहा था लेकिन उसने दनादन तीन गोल दागकर हाफ टाण तक 3-2की लीड ले ली. इसके बाद इंग्लैंड ने लगातार दो गोल दाग मैच अपने पक्ष में कर लिया.

इंग्लैंड के लिए एलेना रेयर (16वें), सारा राबर्टसन (24वें), होली पिएरे (35वें) और ग्रेस बॉल्सडन (48वें) ने किया जबकि भारत के लिए गुरजीत कौर ने (25वें, 26वें) दो गोल किए जबकि वंदना कटारिया (29वें) ने एक गोल किया. ब्रिटेन को 12पेनाल्टी कार्नर मिले, जिसमें से तीन को उसने गोल में बदला. भारत को कुल 8पेनाल्टी कार्नर मिले, जिनमें से दो में गोल हुए.

पहला क्वार्टर खाली जाने के बाद ब्रिटेन ने दूसरे क्वार्टर में 60सेकेंड के भीतर गोल करते हुए 1-0की लीड ले ली. उसके लिए मैच का पहला गोल एलेना रेयर ने किया. यह एक फील्ड गोल था.

इस गोल ने मानो ब्रिटिश टीम में जान फूंक दी और उसने 24वें मिनट में एक और गोल कर 2-0की लीड ले ली. यह गोल सारा राबर्टसन ने किया. यह भी एक फील्ड गोल था.

ब्रिटिश टीम हाफटाइम लीड के साथ प्रवेश करती, उससे पहले ही भारत ने एक के बाद एक दनादन तीन गोल कर 3-2की लीड ले ली.

गुरजीत कौर ने भारत का खाता 25वें मिनट में मिले पेनाल्टी कार्नर पर खोला और फिर उसके एक मिनट बाद एक और गोल कर स्कोर 2-2कर दिया. भारत ने पेनाल्टी कार्नर पर गुरजीत द्वारा किए गए गोलों की मदद से शानदार वापसी कर ली थी.

अब भारतीय टीम उत्साह से भर चुकी थी. उसने मौके बनाने शुरू किए और उसी क्रम में उसे 29वें मिनट में एक शानदार सफलता मिली. वंदना कटारिया ने फील्ड गोल के जरिए भारत को 3-2से आगे कर दिया.

हाफ टाइम तक भारत 3-2से आगे था. हाफ टाइम की सीटी बजने के पांच मिनट बाद ही ब्रिटेन ने गोल कर स्कोर 3-3कर दिया. यह गोल कप्तान होली पिएरे ने किया. तीसरे क्वार्टर में भारतीय टीम कोई गोल नहीं कर सकी.

चैथा और अंतिम क्वार्टर जब शुरु हुआ तो मैच का रोमांच चरण पर था. दोनों टीमों के पास मेडल पाने के लिए अंतिम 15मिनट थे. इस क्रम में हालांकि ब्रिटेन को सफलता मिल गई. 48वें मिनट में उसने पेनाल्टी कार्नर पर गोल कर 4-3की लीड ले ली. यह गोल ग्रेस बॉल्सडन ने किया.

भारत की महिला टीम के लिए यह ओलंपिक में अब तक का सबसे अच्छा प्रदर्शन कहा जा सकता है. दुनिया की नौवें नम्बर की भारतीय टीम तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए दुनिया की नम्बर-2आस्ट्रेलिया को हराकर पहली बार ओलंपिक के सेमीफाइनल में पहुंची थी. सेमीफाइनल में हालांकि उसे हार मिली.

यह भारत का तीसरा ओलंपिक था. मास्को (1980) के 36साल के बाद उसने रियो ओलंपिक (2016) के लिए क्वालीफाई किया था. भारत अंतिम रूप से चैथे स्थान पर रहा था लेकिन उस साल बहिष्कार के कारण सिर्फ छह टीमों ने ओलंपिक में हिस्सा लिया था.

इसके बाद भारत ने 2016 के रियो ओलंपिक के लिए क्वालीफाई किया लेकिन वह 12 टीमों के टूर्नमेंट में अंतिम स्थान पर रही थी. भारत को पूल स्तर पर पांच मैचों में सिर्फ एक ड्रॉ नसीब हुआ था.