राकेश चौरासिया / नई दिल्ली-मुरादाबाद
भारतीय समाज और संस्कृृति में दूरबीन लेकर दरारें ढूंढने वालों के लिए यहां का सामाजिक ताना-बाना अपने आप में मुकम्मल जवाब है. यहां एक हिंदू महिला के जीवन को खतरे में देखकर एक मुस्लिम महिला ने पहल की और उसकी जान बचाई.
मुरादाबाद के कॉसमॉस अस्पताल में एक महिला शकुंतला गंभीर रोग से जूझ रही थी. तेज बुखार के कारण उसकी प्लेटलेट्स 10हजार के खतरनाक काउंट तक गिर गई थीं.
डॉक्टरों की अनुशंसा के अनुसार शकुंतला को तत्काल जंबो पैक दिए जाने की आवश्यकता थी.
इस आशय की सूचना ‘ब्लड डोनेट फॉर ह्युमैनिटी’ नामक रक्तदान समूह के संस्थापक हकीम बादशाह खान को मिली, तो उन्होंने तुरंत व्हाट्सएप समूह की सदस्य लैब तकनीशियन डॉ. साहिबा अंसारी से विषय में बात की.
डॉ. साहिबा अंसारी ने तुरंत रक्तदान के लिए हामी भर दी और उनके खून से शकुंतला को नया जीवन मिला.
साहिबा के योगदान के लिए शकुंतला के परिवार ने भरपूर दुआएं दीं और आभार जताया.
हकीम बादशाह खान और डॉ. शाहरुख सैफी ने बताया कि यह समूह सभी जरूरतमंदों की सेवा करता है, जाति-धर्म देखे बिना. हमारा समूह इंसानियत को तरजीह देता है.