आवाज द वाॅयस / लंदन
नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई का कहना है कि दुनिया भर में 130 मिलियन से अधिक लड़कियां स्कूल से बाहर हैं. दुनिया की कई शिक्षा प्रणालियां लड़कियों को शिक्षित करने में विफल हो रही हैं.
उन्होंने यूनाइटेड किंगडम और केन्या द्वारा आयोजित लंदन में विश्व शिक्षा शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए यह टिप्पणी की.मलाला यूसुफजई ने कहा कि कोरोना वायरस के बाद पुनर्वास का उद्देश्य शिक्षा तक समान पहुंच होना चाहिए. बेहतर भविष्य के लिए लड़कियों को शिक्षा देना जरूरी है.
महिलाओं को उनके सपने पूरे करने से कोई नहीं रोक सकता: मलाला
इस बीच मलाला ने कहा है,अफगानिस्तान में तालिबानों के निरंतर विस्तार से वहां की महिलाओं में भय व्याप्त है. उन्होंने अभी से खुद को बुर्के में कैद करना शुरू कर दिया है. स्कूलों एवं मदरसों की बच्चियां भी पर्दा करने लगी हैं. ऐसे में कई अंतरराष्ट्रीय संगठन ने तालिबानियों की बढ़त के साथ वहां की महिलाओं की दुर्दशा पर चिंता जाहिर करने लगे हैं.
इस बीच अफगानिस्तान की बेटी और नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई का एक ऐसा बयान आया है जिसे तालिबानियों के लिए चुनौती माना जा सकता है.नोबेल पुरस्कार विजेता मलाला यूसुफजई ने कहा है कि लड़कियों को खुद पर विश्वास करना चाहिए. उम्मीद है कि कोई भी समाज महिलाओं को उनके सपने पूरे करने से नहीं रोक सकता.
एक संदेश में मलाला यूसुफजई ने कहा, ‘‘हम कई ऐसी महिलाओं को देख रहे हैं जिन्होंने इतिहास बदल दिया है. अब सभी के लिए रोल मॉडल हैं.‘‘उन्होंने कहा कि आज महिलाएं क्रिकेट खेल रही हैं और इससे सभी लड़कियों को संदेश जा रहा है कि वे भी खेलों में हिस्सा ले सकती हैं. उल्लेखनीय है कि मलाला को तालिबानियों ने स्कूल जाने के दौरान ही निशाना बनाया था और उनके सिर में गोली मार दी थी.