आवाज द वाॅयस / नई दिल्ली
उडुपी में गवर्नमेंट पीयू कॉलेज फॉर गर्ल्स की मुस्लिम छात्राओं की कम उपस्थिति और कक्षाओं से गायब रहने का मामला बढ़ता जा रहा है. इसकी वजह है शिक्षण संस्थान का कथित तौर पर जनवरी की शुरुआत में हिजाब पर प्रतिबंध लगाना. इसके बाद से हिजाब पहनने वाली छात्रों को कक्षाओं में जाने की अनुमति नहीं है.
हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के बाद छात्राओं के पास कैंपस के आसपास समय बिताने के अलावा बहुत कम विकल्प बचा है. वो प्रतिबंध के बावजूद सिर से स्कार्फ हटाने को तैयार नहीं है.
कॉलेज ने कथित तौर पर हाल ही में हिजाब, उर्दू भाषा और अरबी अभिवादन (सलाम) के उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया था, जिसके बाद विद्यार्थियों ने कॉलेज के फैसले के विरोध में कक्षाओं के बाहर प्रदर्शन किया.
उन्हें कथित तौर पर उर्दू, अरबी और बेरी भाषाओं में बोलने से भी रोक दिया गया है. कॉलेज के प्राचार्य रुद्र गौड़ा ने बच्चों के माता-पिता के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करने से पहले इनकार कर दिया था. छात्राओं का कहना है कि हिजाब पर प्रतिबंध के बाद से उन्हें क्लास में उपस्थिति नहीं दी जा रही है.
गौड़ा ने कथित तौर पर दावा किया है कि छात्र कक्षाओं में प्रवेश करने के बाद अक्सर हिजाब और बुर्का हटा देती हैं. उनका कहना है कि कुछ गुटों के दबाव में कुछ मुस्लिम छात्राएं इसे विवादित मुद्दा बना रही हैं.
गौड़ा ने कहा, ‘‘छात्र स्कूल परिसर में हिजाब पहन सकते हैं लेकिन कक्षाओं के अंदर नहीं. कक्षाओं में एकरूपता सुनिश्चित करने के लिए नियम का पालन किया जा रहा है.‘‘ उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि वे इस मुद्दे पर अभिभावक-शिक्षक संग बैठक करेंगे.