फौजिया नाहिद: झुग्गी बस्तियों के बच्चों में जगा रहीं शिक्षा की ज्योत

Story by  मलिक असगर हाशमी | Published by  [email protected] | Date 05-09-2022
फौजिया नाहिद: झुग्गी बस्तियों के बच्चों में जगा रहीं शिक्षा की ज्योत
फौजिया नाहिद: झुग्गी बस्तियों के बच्चों में जगा रहीं शिक्षा की ज्योत

 

शगुफ्ता नेमत /नई दिल्ली

मिलिए दिल्ली की फौजिया नाहिद से, जो पिछले तीन साल से ग्रेटर नोएडा के तुगलपूर और देवला की झुग्गी बस्तियों के बच्चों में शिक्षा का अलख जगा रही हैं. यही नहीं शिक्षा देने के अलावा बच्चों में उच्च विचार, सहयोग, परिश्रम जैसे संस्कार भी  भरे जा रहे हैं.

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फौजिया नाहिद के तुगलपूर स्कूल में 40 और देवला में 120 बच्चे शिक्षाग्रहण कऱ रहे हैं.जो बच्चे यहां से निकलकर आगे पढ़ना चाहते हैं, फौजिया उनकी मदद करती हैं. स्कूल की छात्राओं को स्वावलंबी बनाने के लिए सिलाई- कढ़ाई की ट्रेनिंग दी जाती है. दोनों स्कूलों का संचालन ‘इल्म’ नामक संस्थान की देखरेख में किया जा रहा है.

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फौजिया बताती हैं, उनके स्कूल में कुछ अधिक उम्र के बालक, बालिका भी पढ़ाई करते हैं. 15-16 वर्ष के ऐसे बच्चों की शिक्षा के लिए खास इंतजाम हैं.स्कूल में त्योहार पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, ताकि उनका मनोरंजन हो सके और  शिक्षा के प्रति रुचि बनी रहे.

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विद्यालय में 12 से 2 बजे तक लड़कियों को सिलाई-कढ़ाई का प्रशिक्षण दिया जाता है. इल्म संस्थान के इन स्कूलों में जाति-मजहब का कोई भेद नहीं.फौजिया नाहिद के जनवरी 2019 में शुरू की गई इस पहल के बाद इससे प्रेरित होकर कुछ और लोग संस्था से जुड़े हैं.

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फौजिया बताती हैं कि इनके स्कूल से निकलने के बाद बच्चों को अन्य स्कूलों में जाने पर थोड़ी परेशानी होती है. वे अन्य बच्चों के साथ समायोजित होने में दिक्कत महसूस करते हैं. इससे उनका मनोबल टूटता है. कुछ शिक्षकों द्वारा उनके साथ दुर्व्यवहार की भी शिकायतें मिली हैं. वह कहती हैं,नैतिक मूल्यों की बातें करना तो आसान है, पर जीवन में अपनाना कठिन.